बड़ा सवाल: क्या सरकार झुक जाएगी किसानों के सामने? या फिर निकालेगी कोई हल

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कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठन आज केंद्र सरकार से बात करके अपना मुद्दा रखेगी। कोरोना महामारी और बढ़ती हुई ठंड को देखते हुए सरकार ने 3 दिसंबर को होने वाली बैठक आज ही बुला ली। ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि सरकार और किसानों के बीच होने वाली बैठक में कोई हल निकल सकता है। बीते 6 दिन से किसान लगातार दिल्ली हरियाणा के सिंध बॉडर पर अपना प्रदर्शन कर रहे है। ऐसे में सरकार क्या हाल निकलेगी इस बात पर सबकी नजर बनी हुई है।

दोपहर 3 बजे विज्ञान भवन में चर्चा
आज दोपहर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिल्ली के विज्ञान भवन पर किसान नेताओं की बैठक बुलाई है। किसान पिछले 6 दिन से लगातार आंदोलन कर रहे थे और सरकार से आधिकारिक वार्ता की अपील कर रहे थे। इससे पहले भी सरकार ने उन्होंने दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड में बातचीत का आवेदन किया था। लेकिन किसानों ने इस बातचीत के न्योते को ठुकरा दिया था। इससे पूर्व में भी किसान-सरकार के प्रतिनिधियों की अक्टूबर-नवंबर में चर्चा हो चुकी है।

पीएम मोदी ने दिलाया किसानों को भरोसा
किसानो के आंदोलन के बीच बीते दिन पीएम मोदी ने वाराणसी से कृषि कानून पर अपनी बात रखी। इस दौरान पीएम मोदी ने कृषि कानून के फायदे गिनाये और बताया कि यह किसानों के लिए कितना हितकारी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने विपक्ष आरोप लगते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल किसानों को बर्गला रहे हैं और सरकार के खिलाफ उकसा रहे हैं। हालांकि, किसान MSP-मंडियों को जिंदा रखने के भरोसे को लिखित रुप में मांग रहे हैं, और ऐसा नहीं होने पर एनसीआर को जाम करने की धमकी दे रहे है।