भोपाल। मध्यप्रदेश में साल 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसके मद्देनजर सभी राजनीतिक पार्टियां सभी दलों को साधने के प्रयास कर रही है। एक तरफ मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार कई बड़े ऐलान कर रही है वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी भी पीछे हटने का नाम नहीं ले रही है। अबकी बार मध्य प्रदेश में कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है, क्योंकि इस बार मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सिर्फ भाजपा या कांग्रेस ही नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी भी पूरी लगन से लग गई है।
पिछले दिनों ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भोपाल से अपने चुनाव प्रचार का शंखनाद किया था और मध्य प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। इसी कड़ी में अब शिवराज सरकार 45 नए दीनदयाल अंत्योदय रसोई केंद्र खोलने की तैयारी कर रही है। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है।
प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा आम जनता के लिए महत्वपूर्ण फैसला लिया जा रहा है। मिली जनकारी के मुताबिक, दीन दयाल अंत्योदय रसोई योजना के तहत 25 चलित केंद्र एवं 20 स्थायी केंद्र शामिल हैं। जानकारी सामने आई है कि, शिवराज सरकार 20,000 से अधिक संख्या वाले निकायों में स्थाई दीनदयाल अंत्योदय रसोई केंद्र खोलने की तैयारी में है।
बताया जा रहा है कि, धार्मिक महत्व के स्थल और मंडीदीप सहित औद्योगिक नगरी में एक-एक रसोई केंद्र संचालित किए जाएंगे। जानकारी के लिए आपको बता दें कि, गरीब शहरी परिवारों को सस्ते दर पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के उद्धेश्य से प्रदेश में “दीनदयाल अन्त्योदय रसोई योजना’’ शुरू की गई है। अब शिवराज सरकार 20,000 से अधिक संख्या वाले निकायों में स्थाई दीनदयाल अंत्योदय रसोई केंद्र खोलने की तैयारी में है। प्रस्ताव के तहत ऐसी संस्था, जो शासन के इन केंद्रों पर भोजन उपलब्ध कराना चाहती है, उन्हें भी इस योजना में जोड़ा जा सकता है।
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इन 12 नगर निगम में एक-एक रसोई केंद्र बनाए जाएंगे
बुरहानपुर, देवास, कटनी, खंडवा , मुरैना, रतलाम, रीवा, सिंगरौली, उज्जैन, सागर और छिंदवाड़ा में एक-एक रसोई केंद्र बनाए जाएंगे। साथ ही यह भी बताय गया है कि, पीथमपुर-मंडीदीप में एक-एक चलित रसोई केंद्र बनेंगे।
यहां खुलेंगे एक स्थाई दीनदयाल रसोई केंद्र
मंडीदीप, गंजबासौदा, सिरोंज, गोहद, राघोगढ़, डबरा, सारणी, इटारसी, सेंधवा, पीतमपुर, जावरा, सुजालपुर, नागदा, माल्थन और बुधनी। जानकारी के लिए आपको बता दें कि, फिलहाल मध्यप्रदेश के 52 जिलों में 104 रसोई केंद्र का संचालन किया जा रहा है।