इंदौर : संभागायुक्त मालसिंह ने आज इंदौर ज़िले के विभिन्न विश्वविद्यालयों और शासकीय अशासकीय महाविद्यालयों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों की बैठक लेकर छात्रवृत्ति वितरण की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि ग़रीब बच्चों के उच्च अध्ययन में छात्रवृत्ति एक बड़ी सहायता है। सभी शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों का यह प्राथमिक दायित्व होना चाहिए की सभी पात्र बच्चों को यथासमय छात्रवृत्ति मिलें।
संभागायुक्त कार्यालय में आज आयोजित बैठक में उन्होंने पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के बच्चों को छात्रवृत्ति मिलने में आ रही कठिनाइयों के विस्तृत समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि इंदौर में 20 विश्वविद्यालयों के अधीन 643 संस्थाएं हैं। अनुसूचित जाति एवं जनजाति संवर्ग में इस वर्ष 49 हजार 494 आवेदन प्राप्त हुए हैं। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के अधीन विभिन्न 30 संस्थाओं में बेहतर समन्वय रखने के लिए रजिस्ट्रार और सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को संभागायुक्त द्वारा निर्देश दिए गए। संभागायुक्त मालसिंह ने कहा कि प्रत्येक महाविद्यालय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इन नोडल अधिकारियों का दायित्व है कि वे समय-समय पर शैक्षणिक संस्था का निरीक्षण करें और विद्यार्थियों के छात्रवृत्ति स्वीकृति में आ रही दिक्कतों को दूर करें।
बैठक में गवर्मेंट कॉलेज राऊ सहित कुछ अन्य महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों के अनुपस्थिति पर उन्होंने कारण बताओ नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिए गये। बैठक में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अजय वर्मा, संयुक्त आयुक्त संभागायुक्त कार्यालय संजय सराफ, उपायुक्त अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग ब्रजेश पांडे, सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग सुमित रघुवंशी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सुप्रिया बिसेन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।