सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग को लेकर नये तरीके को मंजूरी दे दी है. इन उपायों में T+0 के बीटा संस्करण को लांच किया है. वहीं इस व्यवस्था से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और प्रारंभिक शेयर बिक्री के माध्यम से धन जुटाने की चाहत रखने वाली कंपनियों को छूट मिलेगी.
सेबी ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि इक्विटी शेयर के सार्वजनिक/राइट्स इश्यू में एक प्रतिशत ‘सिक्योरिटी डिपॉजिट’ की आवश्यकता को खत्म करने और अप्रत्याशित घटना के कारण ऑफर समापन तिथि के विस्तार को लचीलापन बनाने का निर्णय लिया गया है. आइये आपको बताते हैं सेबी ने निवेशकों को और क्या-क्या राहत दी है.
क्या है T+0 सेटलमेंट
सेबी ने एक बयान में कहा, ”हितधारकों की प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए, बोर्ड ने 25 शेयरों के सीमित सेट और दलालों के सीमित सेट के साथ वैकल्पिक T+0 निपटान के बीटा संस्करण को लॉन्च करने की मंजूरी दे दी.”
आपको बता दें इस नई व्यवस्था से सिक्योरिटी मार्केट में अब तक T+1 सेटलमेंट साइकल पर काम होता आया है. इससे पहले T+1 सेटलमेंट को 2021 में पेश किया गया था और चरणों में लागू किया गया, अंतिम चरण जनवरी 2023 में पूरा हुआ. अब T+0 के आने से शेयर की खरीदारी और बिक्री का सेटलमेंट एक ही दिन में होगा. हालांकि, T+0 सेटलमेंट साइकल अब T+1 साइकल के साथ एक विकल्प के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा. शॉर्ट सेटलमेंट साइकल से बाज़ार में तरलता बढ़ सकती है और जोखिम कम हो सकता है.
दरअसल ये उपाय आईपीओ और धन जुटाने के लिए आने वाली कंपनियों के वास्ते व्यापार करना सुगम बनाने के प्रयासों का हिस्सा हैं. इसके अलावा बोर्ड ने 25 शेयरों के सीमित सेट और ब्रोकर के सीमित सेट के साथ ऑप्शनल T+0 सेटलमेंट के बीटा संस्करण के लॉन्च को मंजूरी दे दी है.