Bhopal: नर्सिंग प्रवेश में 12वीं में हिंदी अनिवार्य, योग्य छात्रों को किया बाहर, दिग्विजय सिंह से छात्रों ने लगाई गुहार

Abhishek singh
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मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में विवादित मामलों की फेहरिस्त बढ़ती जा रही है। पहले भ्रष्टाचार के कारण छात्रों के भविष्य पर सवाल खड़े हुए, और अब एक और गंभीर मामला उजागर हुआ है। जिन छात्रों ने 12वीं में हिंदी विषय नहीं लिया था, उन्हें नर्सिंग काउंसिल में प्रवेश से वंचित किया जा रहा है। नर्सिंग काउंसिल का कहना है कि प्रवेश के लिए 12वीं में हिंदी और अंग्रेजी दोनों विषय होना अनिवार्य है, केवल अंग्रेजी मान्य नहीं होगी।

गौरतलब है कि ये छात्र नर्सिंग कोर्स में प्रवेश के लिए परीक्षा पहले ही उत्तीर्ण कर चुके हैं। इस नियम से परेशान छात्र मंगलवार को भोपाल के सतपुड़ा भवन पहुंचे, लेकिन वहां कोई समाधान नहीं मिला। इसके बाद वे अपनी समस्या लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के आवास पहुंचे। दिग्विजय सिंह ने इस मुद्दे पर संबंधित अधिकारियों से बातचीत की है।

परीक्षा पास करने के बावजूद प्रवेश पर रोक

मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के निवास पर पहुंचे छात्रों ने कर्मचारी चयन मंडल (ESB) द्वारा आयोजित परीक्षा और प्रवेश काउंसिलिंग प्रक्रिया में हो रही गड़बड़ियों को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की। छात्रों का कहना है कि परिणाम घोषित होने और प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद हजारों योग्य विद्यार्थियों के प्रवेश रद्द किए जा रहे हैं, जिससे उनका भविष्य अधर में लटक गया है।

विद्यार्थियों के पक्ष में खड़े हुए दिग्विजय सिंह

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने छात्रों की समस्याएं ध्यानपूर्वक सुनीं और उन्हें भरोसा दिलाया कि वह इस मामले को विभागीय अधिकारियों के समक्ष उठाएंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों के साथ हो रहे अन्याय को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

सीबीएसई छात्रों के प्रवेश रद्द करने पर मचा हड़कंप

सीबीएसई बोर्ड के छात्रों के प्रवेश रद्द किए जाने पर NSUI ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। छात्रों का कहना है कि उन्हें परीक्षा में शामिल किया गया, परिणाम घोषित हुए, और काउंसिलिंग प्रक्रिया के बाद प्रवेश भी दिया गया। लेकिन अब नियमों का हवाला देकर उनके प्रवेश रद्द किए जा रहे हैं।

NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने इसे नर्सिंग काउंसिल और सीबीएसई छात्रों के साथ अन्याय करार दिया। उन्होंने कहा कि परीक्षा और काउंसिलिंग के दौरान नियमों में बदलाव करना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। यह नर्सिंग काउंसिल और चिकित्सा शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली में गंभीर खामियों को उजागर करता है।

परमार ने यह भी स्पष्ट किया कि NSUI छात्रों के संघर्ष में उनके साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो संगठन व्यापक स्तर पर आंदोलन करेगा।

एनएसयूआई ने उठाई प्रमुख मांगें

  • सभी छात्रों को काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल किया जाए।
  • सीबीएसई बोर्ड के छात्रों के प्रवेश रद्द करने का निर्णय तुरंत वापस लिया जाए।
  • नर्सिंग काउंसिल और चिकित्सा शिक्षा विभाग की गड़बड़ियों की निष्पक्ष जांच की जाए।
  • छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।