मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना की दूसरी ने आतंक मचा रखा है। इसमें इस बार सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को हो रहा है। अब तक करीब 14 साल तक के बच्चे सबसे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। वहीं कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर का खतरा सबसे ज्यादा बच्चों पर ही होगा। इसको लेकर अब सरकार ने पहले से ही पूरी तैयारी की जा रही है। इसकी तैयारी लगातार युद्ध स्तर पर सरकार जुटी हुई है।
जानकारी के अनुसार, भोपाल में अब तक 14 साल तक के 2699 बच्चे पॉजिटिव हुए हैं। इनका शहर में 26 मुख्य अस्पतालों में इलाज हो रहा है। दरअसल, बच्चों के लिए इलाज के लिए शहर के 170 विशेषज्ञ डॉक्टर, 27 डेडिकेटेड चाइल्ड हॉस्पिटल, बच्चों के इलाज वाले 121 अस्पताल, एसएनसीयू पीआईसीयू बेड की संख्या 500, जनरल वार्ड में बच्चों के बेड की संख्या 800 और बच्चों के लिए वेंटिलेटर 125 हैं।
बता दे, तीसरी लहर से बच्चों के इलाज के लिए शहर ही नहीं बल्कि प्रदेश भर में इलाज की पुख्ता व्यवस्था नहीं है। इसलिए सरकार अब पहले से जुट गई है क्योंकि दूसरी लहर में कोई तैयारी ना होने की वजह से बहुत मुसीबतों का सामना करना पड़ा है। दरअसल, अप्रैल से अभी तक होम आइसोलेशन में 2122 बच्चे, स्वस्थ हो चुके 1462, अस्पताल में भर्ती हुए 577, अस्पताल से डिस्चार्ज हुए 421 और अस्पताल में अभी भी 156 बच्चे भर्ती हैं। लेकिन तीसरी लहर में बच्चों में सबसे ज्यादा संक्रमण होने के चलते अभी से शासन प्रशासन युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटा है।