नई दिल्ली: दो दिन पहले संसद में पास हुए कृषि बिल के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन शुरू हो गया है। कृषि बिल के खिलाफ किसान संगठनों ने शुक्रवार को भारत बंद बुलाया है। करीब 31 किसान स्न्ग्ठानों ने इस बंद का समर्थन किया है। बिल के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन में पंजाब और हरियाणा के किसान ज्यादा शामिल हो रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन समेत विभिन्न किसान यूनियनों ने ऐलान किया है कि इस बिल के खिलाफ वे आज चक्का जाम करेंगे। माना जा रहा है कि इस प्रदर्शन को कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों का भी समर्थन हासिल है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) समेत कई संगठनों ने कहा है कि उन्होंने विधेयकों के खिलाफ कुछ किसान संगठनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन किया है।
इस बिल का विरोध पंजाब में पहले से ही हो रहा है। यहां के किसानों का तीन दिन का रेल रोको आंदोलन भी जारी है। 24 से 26 सितंबर तक ये आंदोलन जारी रहेगा। इस आंदोलन के मद्देनजर फिरोजपुर रेल संभाग ने विशेष ट्रेनों के परिचालन को रोक दिया है। भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) के महासचिव सुखदेव सिंह ने पंजाब के दुकानदारों से अपील की है कि भारत बंद पर वे अपनी दुकानें बंद रखें और किसानों का समर्थन करें।
पंजाब के किसानों का कहना है कि सरकार अगर उनकी बात नहीं मानती है तो 1 अक्टूबर से अनिश्चितकाल के लिए रेल यातायात ठप किया जाएगा। पंजाब के इतर हरियाणा में भी यही हाल है। हरियाणा भाकियू के प्रमुख गुरनाम सिंह ने कहा कि उनके संगठन के अलावा कुछ अन्य किसान संगठनों ने भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। सिंह ने कहा, हमने अपील की है कि राज्य के राजमार्गों पर धरना होना चाहिए और अन्य सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध होना चाहिए।