नई दिल्ली : केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ बीते 12 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. किसानोंके इस ऐलान पर राजनीति भी ख़ूब हो रही है. विपक्ष भारत सरकार को इसे और किसान आंदोलन के चलते लगातार घेर रहा है. वहीं सरकार भी विपक्ष पर हमलावर है. जबकि अब मोदी सरकार ने गंभीरता को देखते हुए भारत बंद के लिए एडवायजरी जारी कर सभी राज्यों को निर्देश प्रदान किए हैं.
केंद्र सरकार ने अपने निर्देश में सभी राज्यों से कहा है कि वे भारत बंद के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखें. साथ ही मोदी सरकार ने अपने दिशा-निर्देशों में कहा है कि इस दौरान कोरोना संबंधित नियमों का भी ध्यान रखा जाए. साथ ही सरकार ने कहा कि इस दौरान यह विशेष ध्यान रखा जाए कि किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो.
कल सुबह आठ बजे से दोपहर तीन बजे तक ‘भारत बंद’…
किसान संगठनों ने कहा है कि 8 दिसंबर को सुबह 8 बजे से दोपहर तीन बजे तक भारत बंद बुलाया गया है. इस दौरान सभी दुकानें और कारोबार बंद रहेंगे. हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में सभी मंडियों पर ताले रहेंगे. जबकि किसान संगठनों ने शादी के कार्यक्रमों को छूट दी है. वहीं एंबुलेंस और आपातकालीन सेवाओं को भी भारत बंद के दौरान छूट रहेगी.
अब तक इन विपक्षी दलों ने किया भारत बंद का समर्थन…
किसानों के भारत बंद को विपक्ष का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है. किसानों के आंदोलन और उनके द्वारा बुलाए गए भारत बंद का अब तक कांग्रेस, टीआरएस, द्रमुक, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, एनसीपी, टीएमसी, आरजेडी, आप और वामदल भी समर्थन कर चुके हैं. वहीं आरएसएस से संबंध रखने वाले भारतीय किसान संघ (BMS) ने इस भारत बंद से खुद को दूर कर लिया है.