इस दिन रखा जाएगा भाद्रपद पूर्णिमा का उपवास, इस विधि से पूजा करने पर मां लक्ष्मी जल्द होती हैं प्रसन्न, कंगाल को कर देती हैं धनवान

Simran Vaidya
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Bhadrapada Purnima 2023 : हिंदू पौराणिक मान्यताओं के आधार पर भादों के महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि का अपना एक बेहद ख़ास और अलग महत्त्व माना जाता हैं। साथ ही ऐसा कहते हैं कि इस दिन भगवान नारायण और धन की देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा और आराधना की जाती हैं। वहीं इस दिन पावन नदियों कुंडों और घाटों पर स्नान आदि से निवृत्त होकर गरीब ब्राम्हणों का दान दक्षिणा देने से परम सुख की प्राप्ति होती हैं, एवं मनुष्य का कल्याण होता हैं। भाद्रपद पूर्णिमा व्रत के दिन से ही श्राद्ध पक्ष अर्थात पितरों के दिन का शुभारंभ हो जाता है। इस दिन से पितरों के पिंडदान तर्पण और श्राद्ध पक्षों का आगाज हो जाता हैं।

भगवान श्री हरि विष्णु की आराधना करने से मिलता हैं पुण्य

असल में भादों महीने की पूर्णिमा तिथि के उपरान्त भगवान सत्यनारायण की पूजा, कथा और कीर्तन करना अत्यंत ही शुभकारी माना जाता हैं। ऐसी हिंदू मान्यता प्रचलित है कि इस दिवस भगवान नारायण की पूरे विधि विधान से आराधना करने से और किसी महान ब्राह्मण या फिर किसी वरिष्ठ पूजनीय पंडित द्वारा जगत के पालनहारे की सत्यनारायण की कथा करवा कर सुनने मात्र से मनुष्य के जीवन में आ रहे तमाम संकटों का सर्वनाश हो जाता हैं। वहीं साथ ही भगवान श्री हरि विष्णु और धन की देवी माँ लक्ष्मी की असीम कृपा से आपके घर में धन वैभव के भण्डार भरे रहते हैं। साथ ही घर में सकरात्मक ऊर्जा का सदा के लिए वास हो जाता हैं।

इस दिन पूजा करने से मां लक्ष्मी होती हैं बेहद प्रसन्न

गौरतलब हैं कि भाद्रपद महीने की पूर्णिमा तिथि को लेकर एक प्रख्यात ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पूर्णिमा प्रत्येक वर्ष की शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को मनाई जाती है। साथ ही उन्होंने इसके दो भागों का खंडन करते हुआ आगे बताया की यह दो तरह की होती है, पहली तिथि व्रत पूर्णिमा की मानी हैं तो, वहीं दूसरी तिथि स्नान दान पूर्णिमा की मानी जाती हैं। जिस दिन उपवास वाली पूर्णिमा पड़ती है, उस दिन जातक उपवास रखकर भगवान श्री हरि नारायण की बेहद ख़ास पूजा अर्चना करते हैं।

इस बार भादव महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 29 सितंबर दिन शुक्रवार को आ रही है। इसी दिन स्नान दान पूर्णिमा पड़ रही है. व्रत पूर्णिमा 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के रूप में रखी जाएगी। व्रत पूर्णिमा यानी 28 सितंबर को व्रत रखना चाहिए और स्नान दान पूर्णिमा के दिन विशाल तीर्थ महासागर में नहाने के बाद दान अवश्य ही करना चाहिए। इस दिन की जाने वाली पूर्णिमा श्राद्ध के तौर पर भी मनाई जाएगी।

पूर्णिमा के बेहद लाभकारी उपाय

  • दरअसल आपको पूर्णिमा के दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए एक कटोरी या पात्र ले और फिर उसमें गंगा जल अपने हस्त में लेकर 5 से 7 बार अपने पूर्वजों का नाम स्मरण करते हुए छोड़ दें। इसके बाद थोड़ा सा ध्यान अपने पूर्वको की स्मृतियों में लगाए और फिर इस पानी या जल को किसी भी पेड़ पौधे में डाल दें या फिर अपने घर कुटुंब में इसका छिड़काव कर दें।
  • इसके अतिरिक्त माता लक्ष्मी का विशेष आशीष पाने के लिए पू्र्णिमा तिथि पर धन की देवी माँ लक्ष्मी को लाल वर्ण के फूल और इत्र को अर्पित करें। साथ ही श्री सूक्तम स्तोत्र या फिर कनकधारा स्तोत्र का पठन या श्रवण अवश्य करें।
  • वहीं इसी के साथ ही इस दिन अपने पूर्वजों का नाम स्मरण कर जरूरतमंद व्यक्ति या किसी निर्धन को एक समय का भोजन जरूर कराएं।
  • इसके अतिरिक्त घर में फैमिली के मेम्बर्स के बीच आपसी मतभेद चलता रहता है तो भादों पूर्णिमा तिथि के दिन स्नान आदि के बाद भगवान श्री हरि विष्णु की विशेष पूजा आराधना अवश्य ही करें। इसके बाद श्वेत चंदन का टीका अपने कंठ और शीश पर लगाएं।