खबरदार जो कार्तिकेय और आकाश को वंशवादी कहा तो….

Ayushi
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रविवार को इंदौर के खेल प्रशाल में एक युवा कुम्भ का आयोजन हुआ, जिसमे शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय चौहान और खली अतिथि के रूप में आये और आयोजक कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय थे | इन दोनों नेतपुत्रों में ऐसी क्या योग्यता है जो यह युवाओं को मार्गदर्शन दे रहे है या युवाओं का नेतृत्व करने की क्षमता रख रहे है |

इन्हे हम कैसे वंशवादी मान ले, इनकी उपलब्धियों के पैमाने इतने बड़े है कि कुछ हजार युवाओं को तो वह मार्गदर्शित कर ही सकते है….जैसे इन नेता पुत्रों ने भारतीय प्रशासनिक सेवा या आईआईएम् या आई आई टी जैसी कोई परीक्षा सामान्य विद्यार्थी की हैसियत से उत्तीर्ण कर रखी हो या गहरे अभावों के बाद भी समाज सेवा की अनेकों मिसाल ये कायम कर चुके हो….कुछ तो पीछे होगा जो इतने महंगे तामझाम के साथ यह युवाओं की प्रेरणा बनने का कुत्सित प्रयास कर रहे है…..

रविवार के युवा कुम्भ की ख़ास बाते :

कार्तिकेय कह रहे थे युवाओं को नशे से दूर रहना चाहिए, यह कितना विरोधाभाषी बयान है जिसमे वह युवाओं की आँखों के सामने ही धूल झोंक रहे थे …उन्हें अपने पिता शिवराज ( जो खरीद फरोख्त कर एवं लोकतंत्र की हत्या कर प्रदेश की गद्दी पर सवार हुए ) से यह बात करना चाहिए जिन्होंने अपने कार्यकाल में ही शराब की दुकानों का समय 10.30 से बढ़ाकर 11.30 किया, जिन्होंने कोरोना के नाम पर 8 बजे सारे व्यापार व्यवसाय बंद करा दिए लेकिन सिर्फ शराब के नशे को रात 11.30 तक बेचने की इजाजत दी वह भी तब जब 10 बजे समूचे शहर में कर्फ्यू लगाया गया हो |

युवा कुम्भ में बुलाये गए अतिथि खली ने युवाओं को कानून तोड़ने को लेकर प्रोत्साहित किया, बल्लामार विधायक आकाश विजयवर्गीय के कुकृत्य ( जिसकी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कड़ी आलोचना की थी ) को सही ठहराया….ऐसा मार्गदर्शन युवाओं को कहा ले जाकर खड़ा करेगा इसकी कल्पना भी लोग नहीं कर सकते….

इंदौर का युवा संवाद चाहता है बदलते वैश्विक परिदृश्य में उनकी भागीदारी का, एक ऐसी शिक्षा व्यवस्था का जो उन्हें विश्व के मानचित्र में स्थापित कर सके, जिससे भारत भूमि का मान बढ़ाने में उनकी सहभागिता हो…इंदौर का युवा चाहता है उनके लिए रोजगार बढ़ाने पर संवाद हो…रोजगार के अवसरों को समझने और उन्हें हासिल करने के जरुरी तकनीकी या व्यावसायिक प्रशिक्षण की उपलब्धता पर संवाद हो…..इंदौर के युवाओं को शासकीय कर्मचारियों पर कानून हाथ में लेकर बल्ला मारने का प्रशिक्षण नहीं चाहिए…और न ही ऐसे किसी कुकृत्य का इन्दोरी युवा साक्षी बनना चाहता है…..

इन वंशवादी लाड़लो ने इंदौर के युवाओं को दिग्भर्मित तो किया ही साथ ही न्याय की देवी माता अहिल्या की नगरी को भी कानून हाथ में लेने की शिक्षा युवाओं को देकर कलंकित किया है….

इसके लिए इन दोनों वंशवादी लाड़लो को न्याय की देवी माता अहिल्या की नगरी इंदौर से माफ़ी मांगना चाहिए…..

डॉ धर्मेंद्र बाजपेयी
नेशनल को-कोऑडिनेटर : कांग्रेस सोशल मीडिया
प्रवक्ता : मध्यप्रदेश कांग्रेस