नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में पहली बार आयोजित सेब महोत्सव का शुभारंभ आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया। इस अवसर पर तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी देश में कृषि व सम्बद्ध क्षेत्र के विकास तथा किसानों की आय बढ़ाने के लिए पूरी ताकत के साथ काम कर रहे हैं। साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की धाक जमाने व साख बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री जी-जान से प्रयास कर रहे हैं। तोमर ने जम्मू-कश्मीर सरकार की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत उपलब्ध कराई धनराशि से राज्य में कृषि के विकास के लिए बहुत अच्छा व तेजी से काम किया जा रहा है।
तोमर ने कहा कि सेब व कश्मीर एक-दूसरे के पर्याय है, यह मुख्य फसल है और यह महत्वपूर्ण आयोजन यहां के सेब उत्पादकों व अन्य हितधारकों को उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के कुशल नेतृत्व में एक बेहतर प्लेटफार्म प्रदान करेगा। 2.2 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक के वार्षिक उत्पादन के साथ यहां का सेब राष्ट्रीय उत्पादन का 87 प्रतिशत योगदान देता है तथा जम्मू-कश्मीर की लगभग 30 प्रतिशत आबादी की आजीविका से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि सिन्हा के नेतृत्व में खेती के क्षेत्र में बाधाओं को दूर करते हुए अभावों की पूर्ति करने का काम बहुत तेजी के साथ किया जा रहा है। देश की आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत सेब महोत्सव का आयोजन किसानों की आमदनी बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा। तोमर ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि राज्य में एक विशेष योजना के तहत 2300 हेक्टेयर क्षेत्र में उच्च घनत्व वृक्षारोपण किया जा चुका है व उच्च घनत्व रोपण सामग्री के लिए सबसे बड़ा संगरोध केंद्र भी खोला जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि गांवों व कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाने के लिए पीएम मोदी ने अनेक योजनाएं प्रारंभ की है। किसानों के परिश्रम, वैज्ञानिकों के अनुसंधान एवं सरकार की किसान हितैषी नीतियों के कारण देश में कृषि क्षेत्र का निरंतर विकास हो रहा है। इससे कृषि की ओर नई पीढ़ी भी निश्चित ही आकर्षित होगी। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र को और विकसित करने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार को केंद्र सरकार पूरी तरह से हरसंभव मदद करती रहेगी।
उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जीडीपी में कृषि व सम्बद्ध क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है और अधिकांश निवासी कृषि पर आधारित है, जिनके उत्थान के लिए केंद्र व राज्य सरकार मिलकर काम कर रही है। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की गई है। राज्य के किसान भी सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करने के लिए पूरी ताकत से काम किया जा रहा है। उन्होंने वैज्ञानिकों से अनुरोध किया कि वे अपनी रिसर्च का फायदा लैब से लैंड तक पहुंचाएं। सिन्हा ने आश्नवस्त किया कि जम्मू-कश्मीर में प्रतिकूल मौसम के कारण हुए नुकसान के बदले राज्य के शासन-प्रशासन द्वारा किसानों की पूरी आर्थिक सहायता की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में किसानों की भूमि की रक्षा करने की जिम्मेदारी जम्मू-कश्मीर सरकार की है। इस संबंध में कानूनी प्रावधान किसानों के हित में ही है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उठाए गए ठोस कदमों के कारण किसानों की प्रगति होना निश्चित है। केंद्र का कृषि का बजट अब 1.23 लाख करोड़ रूपए है, जो मोदी सरकार आने के पहले लगभग 22 हजार करोड़ रू. ही होता था। एमएसपी पर खरीद, एक लाख करोड़ रू. के कृषि अवसंरचना कोष जैसे उपायों से किसानों को फायदा हो रहा है।
कार्यक्रम में किसानों को विभिन्न योजनाओं से संबंधित राशि के चेक तथा प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। उद्यानिकी पर बुकलेट के प्रकाशन का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, सेब उत्पादक किसान, उद्यमी, कृषि वैज्ञानिक सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे। जम्मू-कश्मीर के प्रमुख सचिव (कृषि) नवीन कुमार चौधरी ने स्वागत भाषण दिया व महानिदेशक (उद्यानिकी) एजाज अहमद भट्ट ने आभार माना।