नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए सुबह सात बजे से वोटिंग जारी है। पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में मतदान शुरू होने के साथ ही हिंसा का तांडव शुरू हो गया है। जब से पंचायत चुनाव की घोषणा (8 जून) हुई थी, तब से लेकर 7 जुलाई तक राज्य में 18 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सेंट्रल फोर्सेस की तैनाती के बाद भी अलग-अलग इलाकों से आगजनी-हिंसा और बैलेट पेपर जलाने की खबरें आ रही हैं।
आज 73,887 पंचायत सीटों के मतदाता अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए वोट डाल रहे हैं। वोटिंग को लेकर सुरक्षा के लिहाज से पूरे प्रदेश में 1.35 लाख जवानों को तैनात किया गया है। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कोलकाता में कहा, कांग्रेस, बीजेपी, सीपीएम और आईएसएफ सभी टीएमसी को टारगेट कर रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक, कल रात से लेकर अब तक राज्य में कई जगहों पर हुई हिंसा में 15 लोगों के मारे जाने की खबर है। कई बूथों पर तोड़फोड़ और आगजनी की गई है। टीएमसी पर धांधली का आरोप लग रहा है। वोटों की गिनती 11 जुलाई को होगी। पूरे राज्य में कड़ी सुरक्षा के बीच पंचायत चुनाव आयोजित किए जा रहे हैं। राज्य से चुनाव के दौरान जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वो हैरान करने वाली हैं और सिस्टम पर भी कई सवाल खड़े करती हैं। मतदान शुरू होते ही कूचबिहार में मतदान केंद्र में तोड़फोड़ कर दी गई है और मतपत्र लूट लिए गए हैं और आग लगा दी गई है।
बंगाल में अलग-अलग इलाकों में पत्थरबाजी, आगजनी के साथ-साथ लूटपाट की घटनाएं सामने आ रही हैं। केंद्रीय बलों के साथ 19 राज्यों की सशस्त्र पुलिस भी बंगाल में तैनात है, जिन्हें चुनाव के दौरान सुरक्षा का जिम्मा दिया गया है। कई जगह पोलिंग बूथ पर चाकूबाजी हुई है, जबकि देशी बमों से भी हमला किया गया है। कूचबिहार में चुनाव के दौरान बीजेपी के पोलिंग एजेंट माधब बिस्वास की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मतदान शुरू होते ही कूचबिहार में मतदान केंद्र में तोड़फोड़ कर दी गई है और मतपत्र लूट लिए गए हैं और आग लगा दी गई है। 9 जून से अब तक हिंसक घटनाओं में मरने वालों की संख्या 28 हो चुकी है। नंदीग्राम से भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बंगाल जल रहा है। केंद्र को यहां राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए।