सरकार से बातचीत के पहले बोले किसान, हम कानूनों की कॉपियों को जलाकर लोहड़ी मनाएंगे

Akanksha
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी की बॉर्डरों पर केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े किसानों को लगभग 40 दिन हो गए है। इसी के चलते रविवार को किसानों ने कहा कि, जब तक कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा, वे आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि वे लोहड़ी के दिन कृषि कनूनों की प्रतियों को जलाएंगे। दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले एक महीने से ज्यादा समय से हजारों किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की सरकार के साथ बातचीत भी चल रही है, लेकिन अभी प्रमुख मांग पर सहमति बनते हुए आसार नहीं दिख रहे हैं।

दरअसल सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि, ”हम 13 जनवरी को कृषि कानूनों की कॉपियों को जलाकर लोहड़ी मनाएंगे। 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को किसान दिवस के रूप में मनाएंगे।” किसान नेता ओंकार सिंह ने कहा कि, ”आज किसान आंदोलन का 37वां दिन है, सरकार को अपनी जिद छोड़ देनी चाहिए। जब तक कानून वापस नहीं लिए जाएंगे, तब तक हम वापस नहीं जाएंगे। यह अफसोसजनक बात है कि किसानों की जान जा रही है। सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है।”

वही बता दे कि, केंद्र सरकार और किसान संगठनों के नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। पिछली बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि, सरकार ने किसानों की दो मुद्दों को मान लिया है। अगले दौर की बैठक चार जनवरी को होगी। वही प्रेस को संबोधित करते हुए किसान नेता हरमीत सिंह ने कहा कि, ”कल होने वाली हमारी अगली बैठक में हम तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करेंगे। यहां लगातार बारिश हो रही है। हम वॉटरप्रूफ टेंट्स इकट्ठे करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे स्टैंडर्ड के हिसाब से नहीं हैं। महिलाओं और बुजुर्गों के लिए गर्म पानी और कंबल की भी व्यवस्था लगातार जारी है।”