BCCI ने T-20 मैचों के भुगतान को भ्रष्टाचार और टेंडर घोटाले के कारण MPCA को देने पर लगाया प्रतिबंध

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इंदौर(Indore) : एमपीसीए में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ हल्लाबोल अभियान के अंतर्गत समाज के प्रबुद्धजनो को साथ लेकर “एमपीसीए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन “ सिविल सोसायटी के माध्यम से “एमपी अगेंस्ट एमपीसीए करप्शन “शुरू किया जा रहा हैं। एमपीसीए में व्याप्त भ्रष्टाचार एंव राजनैतिक हस्तक्षेप उजागर होने के बाद एमपीसीए के खिलाफ सिविल सोसायटी के माध्यम से प्रदेश में अनेक खिलाड़ियों,खेल संस्थाओं एंव खेल एनजीओ के साथ वरिष्ठ अभिभाषको, डॉक्टर,इंजीनियर,यू टयूबर,सामाजिक संगठन अध्यक्ष एंव क्रिकेट से जुड़े खेल संगठनों को जोड़कर जनआंदोलन एंव जनमत तैयार करके एमपीसीए में से भ्रष्टों को निकालने एंव काले कारनामों को उजागर किया जायेगा।

एमपीसीए में पिछले बीस साल के घोटाले के साथ राजनैतिक भ्रष्टाचार का खुलासा भी लगातार किया जाएगा।ग्वालियर चंबल संभाग से लेकर नर्मदापुरम संभाग और इंदौर संभाग में एमपीसीए के घोटालों को लेकर शासकीय विभागों में विधिवत शिकायतें दर्ज कराने के साथ ही न्यायालय में सबूतों सहित मामले दायर किये जायेंगे।इस हेतु एक लीगल सेल का गठन किया गया हैं।इस लीगल सेल में पॉंच वरिष्ट अधिवक्ताओं की टीम बनाई गई हैं। इंदौर में एमपीसीए द्वारा 2011 से लगातार 2022 तक के घोटाले और अनियमितताओं को सर्वप्रथम जॉंच एजेंसी एंव केंद्र तथा राज्य सरकार के समक्ष लाया जाएगा।

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इसके पश्चात अगर जॉंच एजेंसी एंव राज्य सरकार राजनैतिक दबाव में कार्यवाही नहीं करेगी तब सारे मामलों को नामज़द न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। एमपीसीए के लगभग 28 से ज़्यादा सदस्यों एंव क्रिकेट से जुड़े अनेक खिलाड़ियों एंव खेल संगठनों ने संपर्क करके यह बात रखी थी की एमपीसीए में भ्रष्टाचार के खिलाफ ग़ैर राजनैतिक मोर्चा बनाया जाये जिससे एमपीसीए के सदस्य एंव अन्य संगठन खुलकर सामने आ सके तथा एमपीसीए के भ्रष्टाचार को उजागर कर सके।

सिविल सोसायटी के माध्यम से “एमपीसीए में भ्रष्टाचार के विरोध में जनआंदोलन “एमपी अगेंस्ट एमपीसीए करप्शन” शुरू किया गया हैं।सिविल सोसायटी के माध्यम से म.प्र. में एमपीसीए के विरूद्ध ऐसा जन-आंदोलन है, जिसके माध्यम से एमपीसीए में भ्रष्टाचार के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने की मांग सरकार एंव विभिन्न जॉंच एजेंसियों से की जाएगी । आम जनता को लूटने वाले एंव क्रिकेट खिलाड़ियों का भविष्य चौपट करने वाले एमपीसीए के ग़ैर खिलाड़ी सीईओ रोहित पंडित एंव अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर के खिलाफ आम जनता के साथ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को ग़ैर राजनैतिक स्वरूप में शुरू किया जा रहा हैं।

एमपीसीए के अनेक सदस्यों ने संपर्क करके बताया था की एमपीसीए के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन ग़ैर राजनैतिक रहेगा तो एमपीसीए का भ्रष्टाचार ज़्यादा सामने आएगा एंव क्रिकेट खिलाड़ियों के विकास के नाम से करोड़ों की हेराफेरी करने वाले बेनक़ाब होगें।क्रिकेट खिलाड़ियों के हक़ की लड़ाई इस एमपीसीए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के माध्यम से लड़ी जाएगी । राजनेताओें के अदर्ली और गुलामों ने म.प्र. में क्रिकेट को बर्बाद कर दिया हैं।क्रिकेट के खेल को कुछ संदिग्ध भ्रष्ट पूर्व नौकरशाहों एंव नेताओं के गुलामों ने दीमक की तरह खोखला कर दिया।

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वर्तमान में अनेक राजनैतिक दलों में दलाली का काम करने वाले भ्रष्ट नौकरशाह नौकरी छोड़कर राजनेता का चोला पहनकर एमपीसीए में विभिन्न फर्जी एजेंसियों के माध्यम से दलाली कर रहे हैं।सबूतों के आधार पर आर्थिक अपराध शाखा एंव लोकायुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज करायी जा रही हैं। इन्दौर सहित प्रदेश की जनता को क्रिकेट के टिकिट ब्लेक कराकर एमपीसीए के सीईओ रोहित पंडित एंव अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर ने जमकर लूटा हैं।करोड़ों का टेंडर घोटाला करके जीएसटी की चोरी की हैं।इन सारे मामलों को जनता की अदालत से देश की अदालत तक ले जाने के लिए
एमपीसीए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की शुरुआत की जा रही हैं।

इस आंदोलन में रीड़ की हड्डी एंव मार्गदर्शक के तौर प्रमुख बुद्धिजीवीयों को मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया जा रहा हैं। एमपीसीए के खिलाफ एमपीसीए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन “एमपी अगेंस्ट एमपीसीए करप्शन” के प्रवक्ता एंव व्हीसल ब्लोअर राकेश सिंह यादव ने बताया की एमपीसीए में भ्रष्टाचार के कारण अनेक क्रिकेट खिलाड़ियों का भविष्य चौपट किया गया हैं।क्रिकेट में युवाओं के सपनों और क्रिकेट का भविष्य चौपट करने वाले सफ़ेदपोशों को बेनक़ाब किया जाएगा।
ग़ैर राजनैतिक आंदोलन में व्हिसलब्लोइंग की परिभाषा केंद्रीय कानून के तहत यह हैं की लोकसेवको के विरुद्ध कथित भ्रष्टाचार या शक्ति या स्वविवेक के दुरुपयोग से संबंधित शिकायतों को प्राप्त करने का एक तंत्र स्थापित करना है।

व्हिसलब्लोअर कोई भी व्यक्ति हो सकता है जो गलत प्रथाओं को उजागर करता है। इस माध्यम से एमपीसीए के पिछले बीस साल के काले कारनामों का खुलासा करने के साथ एमपीसीए पर एकाधिकार रखने वाले वर्तमान भाजपा सिंधिया से एक एक घोटाले का हिसाब मॉंग जाएगा। एमपीसीए में भ्रष्टाचार और इवेंट टेंडर घोटाले के साथ बालाजी सिक्योरिटी घोटाले की शिकायत बीसीसीआई करने के पश्चात ज्ञात हुआ हैं की बीसीसीआई ने 4 अक्टूबर को आयोजित टी -20 मैच के समस्त भुगतान एमपीसीए को देने पर प्रतिबंध लगा दिया हैं।

अब घोटाले की जॉंच के बाद ही विभिन्न वेंडरों को भुगतना किया जाएगा।यह बीसीसीआई का निश्चित तौर पर सराहनीय कदम हैं।भ्रष्टाचार में गले गले तक डूबे एमपीसीए सीईओ और अध्यक्ष को बर्खास्त करना चाहिए।प्रदेश में लगभग 40 से ज़्यादा क्रिकेट से जुड़े खेल संगठनों ने एमपीसीए के भ्रष्टाचार उजागर करने में सहयोग देने के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने में साथ देने के लिए सहमति प्रदान की हैं। एमपीसीए में भ्रष्टाचार के साथ ही निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों का जवाब एमपीसीए के कर्ताधर्ताओं से मॉंगा जायेगा-

(1) एमपीसीए ने टिकटों की कालाबाज़ारी क्यों करायी ?एमपीसीए ने कालाबाज़ारियों के खिलाफ पुलिस में एफ़आइआर दर्ज क्यों नहीं करायी.?
(2) क्रिकेट में भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं में ज़बरदस्त आक्रोश हैं।पूर्व के बीस सालों में सिंधिया ने एमपीसीए पर क़ब्ज़ा क़ायम रखने के बाद प्रदेश को दिया सिर्फ़ क्रिकेट का भ्रष्टाचार और टिकटों की कालाबाज़ारी .?(3) एमपीसीए में परिवार वाद क्यों हैं।
दादा ,पिता,बेटा एमपीसीए सदस्य बनाकर परिवार वाद क्यों सिंधिया ने पैदा किया हैं।
क्या यह एमपीसीए में भ्रष्टाचार करने का सुरक्षित मार्ग हैं ?
(4) क्रिकेट खिलाड़ी एमपीसीए के सदस्य क्यों नहीं बनाये जाते हैं।बंधुआ मज़दूर क्यों बनाये सिंधिया ने एमपीसीए सदस्य इसका स्पष्टीकरण देना चाहिए ।
(5) एमपीसीए सदस्य ऐसे लोग बनाये गये हैं जिन्हें क्रिकेट का बल्ला पकड़ना भी नहीं आता हैं।इसकी वजह क्या हैं सिंधिया को बताना चाहिए ।

एमपी अगेंस्ट एमपीसीए करप्शन जन आंदोलन के प्रवक्ता यादव ने बताया की एमपीसीए का नाम बदलकर म.प्र.सिंधिया क्रिकेट एसोसिएशन प्रा.लिमिटेड कर देना चाहिए।वैसे भी एमपीसीए का काम सिर्फ़ सिंधिया के इर्द-गिर्द ही सीमित रहा हैं।क्रिकेट के विकास या क्रिकेट खिलाड़ियों के भविष्य को बनाने का कार्य एमपीसीए ने कभी नहीं किया हैं।