Cold Water Bath Risks : सर्दियों का मौसम आते ही कंपकपी सर्दियां और ठिठुरन बढ़ जाती है। सुबह-सुबह रजाई से बाहर निकलने का मन नहीं करता और नहाने का तो सवाल ही नहीं उठता। ऐसे में, ज्यादातर लोग गर्म पानी से नहाना पसंद करते हैं, लेकिन कुछ लोग ठंडे पानी से नहाते हैं। क्या आप भी ठंडे पानी से नहाते हैं? अगर हां, तो सावधान हो जाइए! इस आदत के कारण सर्दी, खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं तो हो ही सकती हैं, साथ ही आपको हार्ट अटैक (Heart Attack) का खतरा भी हो सकता है। यह सच है, और इसका कारण जानना बेहद जरूरी है।
क्यों बढ़ता है सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा?
सर्दियों में हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। दरअसल, ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए दिल को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से जोखिम भरा हो सकता है, जो पहले से ही किसी हार्ट डिजीज से ग्रस्त हैं। एक स्टडी के अनुसार, अगर किसी को पहले से हार्ट की समस्या है, तो सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा 31% बढ़ जाता है। इस दौरान शरीर के अंदर के अंगों का ख्याल रखना और विशेष सतर्कता बरतना अत्यंत आवश्यक है।
ठंडे पानी से नहाना क्यों है हानिकारक?
कई लोग यह मानते हैं कि ठंडा पानी से नहाना शरीर के लिए अच्छा है और इससे टेंशन कम होती है, साथ ही शरीर एक्टिव होता है। हालांकि, इसके पीछे कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, बल्कि यह खतरनाक साबित हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर किसी को हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या पहले से ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक जैसी समस्याएं रही हों, तो ठंडे पानी से नहाना और भी खतरनाक हो सकता है।
ठंडे पानी से नहाने से कैसे आ सकता है हार्ट अटैक?
विशेषज्ञों के मुताबिक, ठंडा पानी अचानक से ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है, जिससे ब्लड फ्लो कम हो जाता है और धमनियां सिकुड़ने लगती हैं। अगर पहले से ही किसी की धमनियां चर्बी की वजह से संकुचित हैं, तो ठंडे पानी से नहाने पर वे और अधिक संकरी हो सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है।