बड़वानी : बड़वानी कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने अमानत में खयानत कर भू-माफिया बनने वाले एसडीएम के तात्कालीन रीडर बाबुलाल मालवीय को जहॉ निलम्बित कर दिया है, वही रीडर सहित अन्य तीन दोषियों शरदचन्द्र दतात्रय, प्रितेश शरदचन्द्र, कलाबाई कलाल पर एफआईआर कराने के भी निर्देश दिये है। कुछ दिनो पूर्व ही जिले में पदस्थ कलेक्टर के इस कथन की यह भू-माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही की शुरूआत है, जिले के किसी भी भू-माफिया को छोड़ा नही जायेगा, को लेकर जहा आमजनों में प्रसन्ता है, वही भू-माफियाओं में भय का वातारण है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने परसो हुई अपनी वीडियो कांफ्रेसिंग के दौरान ही भू-माफियाओं, अनैतिक कार्य करने वालो पर कठौर कार्यवाही करने के निर्देश सभी कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को दिये है। कलेक्टर की इस कार्यवाही को, लोग मुख्यमंत्री के निर्देश से जोड़कर देख रहे है।
कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने बताया कि इंदिरा सागर परियोजना (नहर) के लिये कस्बा बड़वानी में 19 खातेदारों की निजी भूमि का अवार्ड 30 नवम्बर 2012 को पारित किया गया था।
इस पारित अवार्ड के विरूद्ध प्रितेश पिता शरदचन्द्र रावत एवं कलाबाई पिता स्व.चम्पालाल कलाल ने जिला सत्र न्यायाधीश बड़वानी के समक्ष रेफरेंस प्रकरण प्रस्तुत किया था। जिसमें माननीय न्यायालय ने 16 दिसम्बर 2019 को पारित अपने आदेश में अवार्ड राशि 3445912 रूपये को बढ़ाकर प्रितेश रावत को 67097857 रूपये एवं कलाबाई कलाल को 19266232 रूपये पृथक – पृथक मुआवजा प्रदान करने का आदेश दिया था।
चूंकि पारित अवार्ड एवं न्यायालय द्वारा रेफरेंस प्रकरण की राशि में अत्यधिक भिन्नता होने के कारण उन्होने (कलेक्टर ने) जब इस प्रकरण का परीक्षण कराया तो ज्ञात हुआ कि एसडीएम बड़वानी के यहॉ पदस्थ रीडर बाबुलाल मालवीय ने एसडीएम के समक्ष प्रकरण में पूर्ण जानकारी प्रस्तुत न करते हुये तथ्यो को छुपाकर, खातेदारो से मिली भगत कर षडयंत्र पूर्वक भूमि का डायवर्सन कराकर अपनी बहन कलाबाई कलाल, शरदचन्द्र रावत, प्रितेश रावत को लाभ पहुंचाने हेतु कूटरचित किया है।
जिसके कारण न्यायालय द्वारा इनती राशि का मुआवजा आदेश पारित किया गया है। इस प्रकरण को रीडर ने परत – दर परत कैसे अंजाम दिया इंदिरा सागर परियोजना की चतुर्थ चरण की मुख्य नहर के लिये दशहरा मैदान बड़वानी के आगे कन्या महाविद्यालय के लभगग सामने स्थित 16.941 हेक्टर भूमि की अधिसूचना 26 अक्टूबर 2010 को जारी गई थी ।
शरदचन्द्र रावत ने अपनी कस्बा बड़वानी स्थित 13.60 कृषि भूमि मेसे पैकि रकबा 6 एकड़ का व्यवसायिक प्रायोजन ( मेरिज गार्डन ) हेतु डायवर्सन कराने का आवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़वानी के न्यायालय में 13 दिसम्बर 2010 को प्रस्तुत किया था ।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़वानी के यहाॅ प्रस्तुत इस आवेदन में मात्र खसरा, बी-1 नक्क्षा की नकल ही प्रस्तुत की गई थी। कोई साइट प्लान प्रस्तुत नही किया गया था। इस प्रकरण में रीडर को उदघोषणा जारी कर संबंधित विभागो से अभिमत प्राप्त करना था, जो नही किया गया।
रीडर ने व्यपवर्तन के इस प्रकरण में उसी दिन 13 दिसम्बर 2010 को अधीक्षक भू-अभिलेख को पत्र जारी कर जांच एवं निर्धारण मांगा था। जिस पर अधीक्षक भू-अभिलेख ने 28 अक्टूबर 2010 को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत किया। जिस आधार पर उक्त प्रश्नाधीन भूमि का प्रिमियम 72810 तथा वार्षिक पुनःनिर्धारण 30580 रूपये का आदेश 29 अक्टूबर 2010 को पारित किया गया। किन्तु इस राशि को संबंधितो द्वारा जमा नहीं करवाया गया। इस प्रकार शासकीय राजस्व की हानि हुई।
व्यपवर्तन के इस प्रकरण में 28 अक्टूबर 2010 को शरदचन्द्र रावत ने 1.20 एकड़ भूमि कलाबाई ( रीडर बाबुलाल मालवीय की सगी बहन ) को अंसिचिंत भूमि के रूप में रजिस्ट्री कराई गई, जबकि भूमि सिंचित थी। इस प्रकार यहाॅ स्टाम्प डयूटी की चोरी की गई।
मालवीय की बहन को क्रय की गई भूमि का नामांतरण एवं बटवारा की कार्यवाही तहसीलदार से कराई जाना थी। परन्तु वाले – वाले इस प्रकरण में नामांतरण, बटवारा बिना किसी प्रक्रिया के अधीक्षक भू-अभिलेख से 10 नवम्बर 2010 को कराया गया। जबकि नामांतरण, बटवारा की अधिकारिता, अधीक्षक भू-अभिलेख को नही थी। दोषियो का यह कृत्य स्टाम्प डयूटी की चोरी एवं धोखाधड़ी प्रदर्शित करती है।
व्यपवर्तन भूमि में मैरिज गार्डन की अनुमति प्राप्त करने हेतु 30 अक्टूबर 2010 को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत हुआ, बिना किसी इस्तेहार के उसी दिन नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। जबकि वर्तमान में जांच कराने पर भूमि के 1.416 रकबा पर नहर निर्माण तथा 0.162 हेक्टर भूमि पड़त एवं एक कच्चा मकान पाया गया है, वही 0.405 हेक्टर में कपास फसल लगी है।
व्यपर्वन प्रकरण में बाबुलाल मालवीय को संबंधित विभागो को भेजकर उनसे अभिमत प्राप्त करते हुये सार्वजनिक उदघोषणा जारी कर व्यपवर्तन की कार्यवाही की जानी थी। परन्तु मालवीय ने अनियमित तरीके से पक्षकारों से मिलकर शासन के साथ धोखाधड़ी कर कृषि भूमि को कथित मैरेज गार्डन के रूप में व्यपवर्तित कराकर अधिग्रहित की गई भूमि के पारित अवार्ड राशि के विरूद्ध न्यायालय में रेफरेंस प्रकरण प्रस्तुत कराकर स्वयं एवं पक्षकारों को षडयंत्रपूर्वक लाभान्वित करवाया गया है।
इस पर कलेक्टर ने भू-अर्जन अधिकारी इंदिरा सागर परियोजना नहर को निर्देशित किया है कि वे इस कृत्य के लिये रीडर बाबुलाल मालवीय, खातेदार शरदचन्द्र रावत, प्रितेश रावत, कलाबाई कलाल के विरूद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज करवाये। साथ ही कलेक्टर ने उक्त आदेश करने वाले सेवा निवृत्त एसडीओ राजस्व तथा अधीक्षक भू-अभिलेख के विरूद्ध भी कार्यवाही करने हेतु शासन को पत्र भेजा है।