अर्ली चाइल्डहूड एजुकेशन प्रोग्राम लागू करने वाला देश का पहला स्कूल होगा बड़वाह का ‘द पेलेडियन हाउस’

Suruchi
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इंदौर। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के बड़वाह कस्बे में संचालित आईसीएसई स्कूल ‘द पल्लाडियन हाऊस’ में 13 मार्च को ईसीआईडी (अर्ली चाइल्डहूड इंटेंसिफाइड डेवलपमेंट) प्रोग्राम लॉन्च हो रहा है। अर्ली चाइल्डहूड एजुकेशन पर इस तरह के खास प्रोग्राम को डिजाइन कर लागू करने वाला बड़वाह का ‘द पेलेडियन हाउस’ देश का पहला स्कूल होगा।

ईसीआईडी एक एजुकेशनल प्रोग्राम का नाम है। ईसीआईडी का पूरा नाम अर्ली चाइल्डहूड इंटेंसिफाइड डेवलपमेंट है। इस तरह का केरिकुलम फिलहाल सिर्फ कुछ चुनिंदा विकसित देशों में ही लागू है। यहाँ तक कि यूके और यूएस जैसे विकिसित देश भी इस तरह के प्रोग्राम से अभी कुछ दूर ही हैं। ईसीआईडी प्रोग्राम में कुल 4 मुख्य विभाग होंगे। इन चार विभागों के अन्तर्गत 26 उप-विभाग होंगे। इस में वर्क आउट करने वाले बच्चों का ग्रुप बहुत छोटा होगा , हर एक ग्रुप में अधिकतम 8 बच्चे होंगे । इससे कच्ची उम्र के बच्चों में उनके दिमाग को विकसित करने, जिज्ञासा पैदा करने, कॉन्फिडेंस बढाने, प्राबलम्स को साल्व करने और क्रिटिकल थिंकींग को बढाया जा सकेगा। इसके लिए स्कूल में खास तौर पर टीचर्स का रिक्रूटमेंट कर उनकी ट्रेनिंग की जा रही है ।

क्लासरुम की जगह स्पेशल डिजाईन्ड वर्क प्लेस तैयार किये जा रहें है। उनमें आवश्यक सभी संसाधनों को स्थापित किया जा रहा है।
ईसीआईडी प्रोग्राम शिक्षा की पहली सिढी पर ही भविष्य की चुनौतियों से निपटने योग्य क्षमतावान पिढी तैयार करने की बुनियादी शिक्षा है। इस प्रोग्राम के लिए नर्सरी से दूसरी तक अथवा 2 से 7 आयु वर्ग को बच्चों को ही शामिल किया जायेगा । वैज्ञानिक तथ्यों के मुताबिक इस आयु वर्ग में इंसान का 90 प्रतिशन ब्रेन डेवलप होता है। इस उम्र में सीखी हुई बातें भविष्य के लिए ताउम्र दिमाग में न केवल संरक्षित रहती हैं बल्कि ताउम्र इंसानी आचरण, व्यवहार और निर्णायक गुणवत्ता को प्रभावित करती है ।

फीनलैंड, नीदरलैंड, नार्वे और स्वीडन जैसे दुनिया के कुछ विकसित देश एजुकेशन इंडेक्स में सबसे उपर हैं। एजुकेशन में बड़े-ब़डे विकसित देशों को मात देने के पीछे अर्ली चाइल्डहूड डेवलेपमेंट प्रोग्राम की सबसे अहम भूमिका है या यूँ कहा जा सकता है कि इनकी सफलता का राज यही है। जिन देशों का हम जिक्र कर रहे हैं वहाँ इसी शिक्षा प्रणाली का असर है कि हैप्पी इन्डेक्स में भी ये देश सबसे ऊंचे पायदान पर हैं। ईसीआईडी खास तौर पर दुनिया के इन शिक्षा शीर्ष के देशों की अर्ली चाइल्डहूड डेवलेपमेंट प्रोग्राम पर विस्तृत शोध का नतीजा है। द पेलेडियन हाऊस की चीफ़ एडुकेटर प्राची गुप्ता लम्बे समय से लंदन में रहकर दुनिया भर के एजुकेशन सिस्सटम पर शोध कर रही हैं।

लंदन की शीर्ष यूनिवर्सिटी किंग्स कॉलेज से प्राची गुप्ता इसी विषय पर रिसर्च कर रही हैं। प्राची गुप्ता ने बाल मनोविज्ञान और बच्चों में सीखने की दक्षता पर की अपनी इस रिसर्च का निष्कर्ष निकालते हुए ईसीआईडी प्रोग्राम को डिजाईन किया है। इसी शिक्षा सत्र 2024-25 से यह प्रोग्राम बडवाह के द पेलेडियन हाउस में बाकी शैक्षणिक सत्र के साथ नियमित जारी रहेगा। इसमें नर्सरी से 2nd क्लास अथवा 2 से 7 वर्ष के बच्चे शामिल हो सकेंगे।

“हमारी मान्यता है कि भारत मे अर्ली चाइल्डहूड डेवलेपमेंट पर अपनी तरह का यह पहला प्रोग्राम होगा जो स्कूल में साकार रूप लेने जा रहा है । ईसीआईडी नौनिहालों के मानसिक, बौद्धिक विकास के साथ सोचने, सीखने और समझने की योग्यता के विकास का अभिनव कार्यक्रम है। इससे बच्चों के कॉन्फीडेंस लेबल, प्राबलम साल्विंग केपिसिटी और क्रिटीकल थिंकींग के रास्ते खुल सकेंगे।जो उनके भावी जीवन को सही दिशा प्रदान करने अहम भूमिका निभाएगी।”
मुकेश गुप्ता

डायरेक्टर, द पेलीडियन हाऊस

“यह प्रोग्राम बच्चों के एजुकेशन में नींव का पत्थर साबित होगा। मैंने अपने अध्ययन के दौरान यह पाया की जिन देशों ने इस कैरिकुलम को अपनाया है वहां की शिक्षा का स्तर बहुत अच्छा है। इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य हैं। यकीनन यह प्रयोग भारत की शिक्षा प्रणाली को बेहतर दिशा में ले जाने वाली साबित होगी। यूके समेत अन्य देशों में मैं यह अध्ययन कर रही हूं ही भारत की शिक्षा को कैसे और बेहतर बनाया जाए। इसी दिशा में यह मेरी छोटी सी कोशिश है।”

प्राची गुप्ता
रिसर्चर
किंग्स कॉलेज, लंदन