बाबुल सुप्रियो ने तोड़ी चुप्पी, इस वजह से लिया राजनीति से संन्यास

Share on:

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बंगाल BJP के दिग्गत नेता बाबुल सुप्रियो ने आज राजनीति को अलविदा कह दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपने संन्यास का ऐलान किया। उन्होंने एक पोस्ट लिख कहा है कि वे राजनीति में सिर्फ समाज सेवा के लिए आए थे। अब उन्होंने अपनी राह बदलने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा है कि लोगों की सेवा करने के लिए राजनीति में रहने की जरूरत नहीं है। वे राजनीति से अलग होकर भी अपने उस उदेश्य को पूरा कर सकते हैं। उनकी तरफ से इस बात पर भी जोर दिया गया है कि वे हमेशा से बीजेपी का ही हिस्सा रहे हैं और रहेंगे। वे कहते हैं कि उनके इस फैसले को ‘वो’ समझ जाएंगे।

बता दें कि, पिछले कुछ दिनों से बाबुल सुप्रियो ने चुप्पी सादी हुई थी और बीजेपी में उनकी कम होती भूमिका पर कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे थे। वहीं संभावनाएं थी कि, इन अटकलों के चलते बाबुल कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। जिसके बाद अब उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए और सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए यह बड़ा ऐलान किया है। साथ ही बाबुल ने पोस्ट के जरिए उन तमाम विवादों पर भी विस्तार से बात की है। उन्होंने कहा है कि पार्टी संग मेरे कुछ मतभेद थे। वो बातें चुनाव से पहले ही सभी के सामने आ चुकी थीं। हार के लिए मैं भी जिम्मेदारी लेता हूं,लेकिन दूसरे नेता भी जिम्मेदार हैं।

इसके साथ ही बाबुल सुप्रियो ने इस बात का भी जिक्र किया कि वे लंबे समय से पार्टी छोड़ना चाहते थे। वे पहले ही मन बना चुके थे कि अब राजनीति में नहीं रहना है, लेकिन बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के रोकने की वजह से उन्होंने अपने उस फैसले को हर बार वापस लिया। जिसके बाद अब उन्होंने यह फैसला लिया क्योंकि उनके कुछ नेताओं संग मतभेद होने शुरू हो गए थे और तमाम विवाद भी जनता के सामने आ रहे थे।

बता दें कि, हाल ही में मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में भी बाबुल सुप्रियो को जगह नहीं दी गई थी। जिसकी वजह से उन्हें उनके पद से इस्तीफा देना पड़ा था। सोशल मीडिया पोस्ट पर उन्होंने इस बारे में भी लिखा है, लेकिन कुछ भी स्पष्ट रूप से लिखने से बचे हैं। बंगाल में बीजेपी की बढ़ती ताकत पर बाबुल ने कहा है कि अब पार्टी के पास कई नेता मौजूद हैं। नौजवान भी हैं और दिग्गज भी साथ खड़े हैं, ऐसे में अगर कोई अब पार्टी छोड़ भी देता है तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला है।

बाबुल के मुताबिक जब उन्होंने बंगाल में भारतीय जनता पार्टी से जुड़ने का निर्णय लिया तब यहां पर बीजेपी की स्थिति बिल्कुल सही नहीं थी। वे अकेले एक बड़ा चेहरा थे, लेकिन अब 2019 के बाद से बीजेपी इस राज्य में प्रधान विरोधी पार्टी बन उभरी है। साथ ही बाबुल ने अपनी पोस्ट के अंत में भावुक अंदाज में कहा है कि 1992 में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की नौकरी छोड़कर मुंबई भागते वक्त जो किया था, अब फिर मैंने वहीं किया है।