चार दिन बाद निकलेगी बाबा महाकाल की पहली सवारी, जोरों से चल रही है तैयारियां, व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे अधिकारी

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उज्जैन। उज्जैन में स्थित बाबा महाकाल के दर्शन करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। बाबा महाकाल की हर साल श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली सवारी को लेकर अब तैयारी जोरों शोरों से चल रही है। बाबा महाकाल भ्रमण पर निकलेंगे और अपने भक्तों को दर्शन देकर उनका उद्धार करेंगे। बता दें कि बाबा महाकाल की पहली सवारी 10 जुलाई 2023 को निकलेगी। बाबा महाकाल की सवारी को देखने आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी ना आए इसको लेकर प्रशासन ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

सवारियों की व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने को लेकर प्रशासन सक्रिय हो गया है। महाकाल की प्रथम सवारी निकलने में अब सिर्फ चार दिन शेष बचे हैं। बुधवार को अधिकारियों की टीम निरीक्षण पर निकली। उन्होंने रामघाट पर जहां पालकी का पूजन होता है, उस क्षेत्र का भी निरीक्षण किया।

बता दें कि हर साल श्रावण-भादौ मास में भगवान महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए भ्रमण पर निकलते हैं। इस साल भी भगवान महाकाल के निकलने वाली सवारी और नाग पंचमी को लेकर दर्शन व्यवस्था की तैयारी शुरू कर दी गई है। उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और एसपी सचिन शर्मा ने दर्शन व्यवस्था की समीक्षा हेतु बैठक आयोजित की गई। इस बैठक के दौरान कलेक्टर ने सभी पुलिस आला अधिकारियों और नगर निगम को व्यवस्था बनाएं रखने को लेकर निर्देशित किया है। वही यहां पर दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी ना आए इस को लेकर भी चर्चा की गई है।

बता दें कि 4 जुलाई 2023 से श्रावण-भादौ मास शुरू हो गया है, जोकि 11 सितंबर 2023 तक चलेगा बाबा महाकाल की पहली सवारी 10 जुलाई को निकाली जाएगी। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम समीक्षा बैठक करते हुए महाकाल लोक में 8 से 10 बड़ी स्क्रीन लगाने को लेकर निर्देश दिए हैं। वही इस सवारी में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े। इसको भी ध्यान में रखा गया है ऐसे में यहां पर श्रद्धालुओं के लिए टेंट कारपेट छांव के लिए व्यवस्था और श्रद्धालुओं के पीने के पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही एसपी ने भी सवारी में 3 घंटे पहले ट्रैफिक व्यवस्था को डायवर्ट करने की बात कही है।

महाकाल मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने कहा कि साल 2023 में महाकालेश्वर भगवान की 10 सवारियां निकलेगी जो की पहली सवारी 10 जुलाई से शुरू होगी, जहां 21 अगस्त को सोमवार नाग पंचमी पर्व रहेगा और सवारी भी निकलेगी। ऐसे में श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक बढ़ जाएगी। जिसको नियंत्रण में रखने के लिए कई तरह की व्यवस्था की जाएगी। वही 11 सितंबर को शाही सवारी निकाली जाएगी। इस शाही सवारी के दौरान उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक हो जाती है।

वहीं समीक्षा बैठक के दौरान महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली भस्म आरती के समय में भी बदलाव किया जाएगा। 4 जुलाई से श्रावण-भादौ मास की शुरुआत होगी। ऐसे में 11 सितंबर तक प्रताप कालीन पट खुलने का समय सुबह 3:00 बजे रखा जाएगा, जबकि प्रत्येक सोमवार 2:30 बजे खोले जाएंगे। इसके साथ ही श्रद्धालुओं के लिए चलित भस्म आरती दर्शन व्यवस्था की जाएगी जिससे उन्हें किसी भी तरह की समस्या ना आए और अधिक से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर सकें।