कल एक बार फिर नगर भ्रमण पर निकलेंगे बाबा महाकाल, 54 साल बाद बन रहा दूसरी सवारी का महासंयोग

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उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु उज्जैन नगरी पहुंचते हैं। ऐसे में सावन का महीना चल रहा है, जिसमें बाबा महाकाल की शाही सवारी सोमवार को निकाली जाती है। इस दौरान बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते हैं। बाबा महाकाल की शाही सवारी को देखने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु सोमवार के दिन उज्जैन पहुंचते हैं।

बाबा महाकाल की पहली सवारी 10 जुलाई को निकाली गई थी और अब महाकाल की दूसरी शाही सवारी 17 जुलाई को निकाली जाएगी। जानकारी के लिए आपको बता दें कि, प्रत्येक शाही सवारी में बाबा महाकाल की अलग-अलग झलक देखने को मिलती है। ऐसे में दूसरी सवारी में बाबा महाकाल भक्तों को एक साथ दो रूपों में दर्शन देने वाले हैं।

राजाधिराज की सवारी अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर सवार होकर मनमहेश रूप में निकलेंगे। पुजारियों के अनुसार हमेशा नंदी की सवारी करने वाले शिव शंभु भगवान महाकाल उज्जैन के राजा होने के कारण पालकी व हाथी की सवारी करते हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए पुजारियों ने बताया कि नंदी की सवारी करने वाले शिव शंभु भगवान महाकाल उज्जैन के राजा होने के कारण पालकी व हाथी की सवारी करते हैं।

भगवान महाकाल चंद्रमौलेश्वर रूप में चांदी की पालकी और मनमहेश रूप में हाथी पर सवार होकर निकलते हैं। भगवान का हाथी दो पीढ़ियों से उनकी सेवा में है। महाकाल की दूसरी सवारी का महासंयोग बन रहा है। धर्मशास्त्र के जानकारों ने कहा कि 54 साल बाद इस तरह का विशेष संयोग बना है। पर्व विशेष पर देशभर से श्रद्धालु स्नान के लिए उज्जैन पहुंचेंगे।