Indore में आयोजित हुआ आयुष्मान संगम, कई प्रदेश के प्रतिभागियों ने लिया भाग

Share on:

इंदौर,10 दिसबंर, 2021: आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (एबीपीएम-जय) और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) की प्रगति का मूल्यांकन करने और दोनों योजनाओं के कार्यान्वयन और भविष्य का रोडमैप तैयार करने के लिए पूर्व एवं मध्य क्षेत्र के राज्यों का दो दिवसीय दूसरा “आयुष्मान संगम” का आयोजन इंदौर में किया गया। आयुष्मान संगम एनएचए की एक रणनीतिक पहल है। इसके पूर्व इसी तरह की एक बैठक 28-29 अक्तूबर,2021 कोउत्तरी राज्यों के साथ किया गया था। यह आयुष्मान भारत इकोसिस्टम में हितधारकों के लिए विचारों को साझा करने, पिछले अनुभवों को प्रस्तुत करने, सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को दर्शाने और इस तरह एक रचनात्मक संवाद के लिए एक साझा मंच प्रदान करता है। आयुष्मान संगम एक ज्ञान विनिमय मंच है, जिसके द्वारा राज्य / केंद्र-शासित प्रदेश नवीन विचारों एवं दूसरे राज्यों के बेहतरीन पैक्टिसेज से अवगत होते हैं, जिन्हें वे अपने राज्यों में भी सुगमता पूर्वक लागू करसकें।

ALSO READ: बदमाशों और अपराधियों की लगाई गई जोरदार क्लास

बर,2021 तक चले इस समीक्षा बैठक के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.आर.एस. शर्मा,ने कहा कि ‘भारत के स्वास्थ्य परिदृश्य को और बेहतर बनाने की दिशा में PMJAY और ABDM महत्वपूर्ण पहल हैं। इनकी मदद से स्वास्थ्य सेवाओं को आमजन तक सुगमता पूर्वक पहुंचाया जा rahahai। हर व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने मेंएबीडीएम की सेवाएं जैसे किटेलीकंसल्टेंशन, हेल्थआइडी, पब्लिकहेल्थ रजिस्ट्री (पीएचआरऐप, एचएफआर, एचपीआर )काफी उपयोगी सिद्ध होंगी।इनकी मदद से देश के हर कोने में विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लिया जाना संभव होगा। जहां एक ओर एबीपीएम-जय देश की उस जनसंख्या को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराता है जो इन सेवाओं का खर्च नहीं उठा सकते वहीं दूसरी ओर एबीडीएमआइटीप्लेटफॉर्मका उपयोग कर देश के सुदूर जगहों पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच, उपयुक्त स्वास्थ्य कर्मियों की पहचान औरडायगोनिस्टिकटेस्ट एवं दवाइयों की घर तक आसान डिलेवरी का माध्यम बन रहा है।‘

डॉ.शर्मा ने आगे कहा कि “दो दिवसीय इस बैठक में हम मिल बैठकर योजना को आगे बढ़ाने के तरीकों पर समीक्षा कर रहे हैं, इस बैठक में योजना संबंधित विभिन्न आयामों पर पर प्रकाश डाला जाएगा। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबीपीएम-जय) और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) दोनों योजनाएं अपने आप में अनूठी है। एबीपीएम-जय और एबीडीएम एक दूसरे के पूरक हैं। सबसे बड़ी खाशियत इन योजनाओं का डिजिटल होना है। योजना संबंधितडेटाहोने सेलार्जस्केल पर इसका विशलेषण हो पा रहा हैइसका उपयोगकर स्वास्थ्य सेवाओं को और सुलभता-पूर्वकजन साधारण तक ले जाया जा रहा है।आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के क्रियान्वयन के बाद सूदूर गांव का आदमी भी देश के अच्छे स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को ढूंढ़ सकता है, डॉक्टर से सलाह ले सकता है, ऑनलाइन दवा ले सकता है।

एनएचए के एडिशनलसीईओ और एबीडीएमके एमडी डॉ. प्रवीण गेदाम ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की अवधारणा और विशेषताओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि,‘यह एक ऐसा डिजिटलप्लेटफॉर्म है, जिसकी मदद से मरीज को रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी दस्तावेजों और जानकारी को बार-बार साझा करने से राहत मिलेगी। साथ ही सभी स्वास्थ्य पेशेवरों को ABDM की हेल्थप्रोफेशनल रजिस्ट्री पर रजिस्टर्ड किया जा सकेगा। ABDM की मदद से सरकारी एवं निजी क्षेत्र में भी सहभागी संस्थाओं और पेशेवरों के मध्य सुगम संवाद स्थापित हो सकेगा, जिससे स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में आ रही बाधाओं का त्वरित निराकरण होगा।’

इससे पहले एनएचए के डिप्टी सीईओ डॉ. विपुल अग्रवालने स्वागत उद्बोधन दिया और आयुष्मानभारतपीएम-जय के क्रियान्वयन को और बेहतर बनाने की दिशा में अपने विचारों को साझा करने के लिए अधिकारियों को आमंत्रित किया। उन्होंने बैठक में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागी राज्यों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना भी की। अगले सत्र में एबीपीएम-जय की वर्तमान स्थिति पर दिए गए अपनी प्रस्तुति में डॉ. अग्रवाल नेएबीपीएम-जय के आगामी रोड मैप पर चर्चा करने के साथ-साथ इस बैठक में शामिल उपस्थित राज्यों से अपनी अपेक्षाओं को साझा किया।एनएचए की ओर से शुरू किए गए पहलों की चर्चा करते हुए उन्होंने लाभार्थी सुविधाप्रदाताएजेंसी, संयुक्त समीक्षा मिशन, स्वास्थ्य लाभ पैकेज 2.2, बीआईएस 2.0 आदि पहलों के शुभारंभ के बारे में बताया। लाभार्थी सुविधा प्रदाता एजेंसी (बीएफए) के बारे में उन्होंने बताया कि, ‘यह निजी सार्वजनिक भागीदारी का एक अभिनव उदाहरण है, जिससे निजी क्षेत्र की संस्थाएं सार्वजनिक क्षेत्र के अस्पतालों में आयुष्मान भारत पीएम-जय के कामकाज को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए अपना योगदान देंगे।’

इस अवसर पर श्री रविन्दर, सचिव हेल्थ एवं मिशन डायरेक्टर एबीडीएम, उत्तरप्रदेश, श्री अनुराग चौधरी, सीइओ, एसएचए मध्य प्रदेश, श्री नीरज बंसोढ, सीइओ, स्टेट नोडल एजेंसी एवं एमडीएबीडीएम, छत्तीसगढ़, , श्री अमिताभ सिंह, प्रशासनिक पदाधिकारी, एसएचए बिहार, श्री बादल चंद्र, नोडल अधिकारी एबीडीएम, झारखंड,डॉ. राजेन्द्र कुमार, ज्वाइंटडायरेक्टर,एसएचए,यूपी, नेअपनी प्रस्तुति के माध्यम से अपने-अपने राज्यों में एबीपीएम-जय और एबीडीएमकी वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला और योजना क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं एवं राज्य द्वारा अपनाए गए बेस्टप्रैक्टिसेज के बारे विस्तार से बताया।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से डॉ. रुचिराअग्रवाल, विभागाध्यक्ष एम एंड ई ने डैशबोर्ड के बारे में प्रस्तुति दी, वहीं डॉ. परमिन्दर गौतम ने नाफूडैशबोर्ड के बारे में बताया जबकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के ज्वाइंट डायरेक्टर, एनएचए ने इम्पैक्टपोर्टल के बारे में विस्तार से बताया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के डिप्टी डायरेक्टर रजत अग्रवाल ने ई-रूपी पर अपनी प्रस्तुति दी।

दूसरे दिन के उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के डिप्टी डायरेक्टर श्री रोहित देव झा ने पीएम-जय के अंतर्गत पोर्टिबिलिटीफीचरकी महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि,‘यह पीएम-जय योजना की महत्वपूर्ण फीचर है। इसके अंतर्गत हमारे लाभार्थी देश के किसी भी आयुष्मान सूचिबद्ध अस्पताल में अपना मुफ्त उपचार करा सकते हैं।देश में अभी तक 3.6 लाख लाभार्थियों ने पोर्टिबिलिटी फीचर के अंतर्गत उपचार प्राप्त किया है, जिस पर 602.3 करोड़ रुपये प्राधिकृत किए गए है।‘एनएचए के आइटीप्लेटफॉर्म का उपयोग कर सरकार की विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के एकीकरण के लाभ को रेखांकित करते हुए श्री झा ने कहा कि,‘इससे स्वास्थ्य सेवाओं के वितरण में पारदर्शिता आएगी, सेवाओं में गुणवत्ता आएगी, सेवाओं का विस्तार होगा।‘उन्होंनेयोजनाओं के कंवर्जेंस केबारे में जानकारी देते हे बताया कि,एनएचएआइटीप्लेटफॉर्म पर ईएसआईएस, सीजीएचएस, सीएपीएएफसंदर्भितबीमा/आश्वासन योजनाओं को एकीकृत किया जा चुका हैं। आने वाले दिनों में और भी इस तरह की योजनाओं को एकीकृत करने की योजना है।‘

समीक्षा बैठक के अंत में एनएचए की ईडीहेल्थपॉलिसी एवं क्वालिटीएसोरेंसडॉ. सुधा चंद्रशेखर ने अपनी प्रस्तुति दी। अपनी प्रस्तुति में उन्होंनेएनएचए द्वारा लाए गए स्वास्थ्य लाभ पैकेज के अन्य संस्करणों की जानकारी दी।इस बावत उन्होंने कहा कि,‘स्वास्थ्य लाभ पैकेजोंको और बेहतर बनाया जा रहा है। समीक्षा बैठक मेंराष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरणके साथ-साथ मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, बिहार और झारखण्ड़के राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों के दर्जनों पदाधिकारियों ने भाग लिया। एनएचए के डिप्यूटी डायरेक्टर (आइटी) श्री रजत अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

आंकड़ों में (9.12.21 तक)
17.25 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को योजना के तहत सत्यापित किया गया
24,000से अधिक सूचीबद्ध अस्पतालों का अखिल भारतीय नेटवर्क
2.54करोड़ से अधिक उपचार
29,251करोड़ रुपये हुए प्राधिकृत

उपयोगी सूचना

एबीपीएम-जय के तहत उपचार पैकेज की दरों को सुव्यवस्थित करने के लिए एक सतत प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, एनएचए ने हाल ही में अपने मौजूदा स्वास्थ्य लाभ पैकेज (एचबीपी2.2) को संशोधित किया है – जिसमें वर्तमान में 1,669 उपचार प्रक्रियाएं शामिल हैं। एचबीपी2.2 के तहत, लगभग 400 प्रक्रियाओं के लिए दरों को प्रभावी ढंग से संशोधित किया गया है। ब्लैक फंगस के उपचार के लिए एक अतिरिक्त पैकेज को एचबीपी2.2 में शामिल किया गया है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के बारे में:
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) भारत सरकार की सर्वोच्च एजेंसी है, जो देश भर में आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबीपीएम-जय) और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के प्रारूप, रोल-आउट, क्रियान्वयन और प्रबंधन के लिए ज़िम्मेदार है। एनएचए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संलग्न कार्यालय के रूप में कार्य करता है और यह एक शासी बोर्ड द्वारा संचालित होता है, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री करते हैं और इसके 11 सदस्य होते हैं। साथ ही, इसके कार्यों में पीएम-जय नीतियों का निर्माण, परिचालन दिशानिर्देशों का विकास, कार्यान्वयन तंत्र, राज्य सरकारों के साथ समन्वय, निगरानी और निरीक्षण शामिल हैं।