प्रदेश में आयुष को देंगे बढावा, खुलेंगे 262 वेलनेस सेंटर-आयुष राज्य मंत्री कांवरे

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इंदौर 10 फरवरी, 2021: प्रदेश के आयुष राज्य मंत्री रामकिशोर “नानो” कांवरे ने कहा है कि प्रदेश में आयुर्वेद सहित अन्य सभी आयुष गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये निरंतर कारगर प्रयास किये जा रहे है। इसके अच्छे परिणाम भी मिल रहे है। आमजन का भरोसा आयुष गतिविधियों की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन विभाग की होटल और रिसोर्ट में आयुष विभाग द्वारा केरल पद्धति की तर्ज पर पंचकर्म सेंटर स्थापित किये जायेंगे। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में आयुष को बढ़ावा देने के लिये 262 और नये वेलनेस सेंटर स्थापित किये जा रहे है। अभी हाल ही में प्रदेश के 100 गांवों में वेलनेस सेंटर शुरू किये गये है। इन केन्द्रों के माध्यम से एक हजार से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जायेंगे।

कांवरे ने आज यहां शासकीय स्वशासी अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय इंदौर की साधारण सभा को सम्बोधित कर रहे थे। इस सभा में जल संसाधन मंत्री  तुलसीराम सिलावट, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, प्रमुख सचिव तथा आयुक्त केरोलिना देशमुख, प्राचार्य डॉ. सतीश चन्द्र शर्मा सहित साधारण सभा के सदस्य मौजूद थे।

सभा को सम्बोधित करते हुये जल संसाधन मंत्री सिलावट ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में आयुष की महत्वपूर्ण भूमिका है। कोरोना काल में आयुष के चिकित्सकों और अन्य स्टाफ ने बेहतर कार्य किया है। उन्होंने कहा कि आयुष को निंरतर बढ़ाने के लिये जरूरी है कि लक्ष्य, उद्देश्य एवं संकल्प के साथ योजनाबद्ध रूप से कार्य किया जाये। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि आयुष के विस्तार की अपार संभावनाएं है। आयुष की गतिविधियों का आवश्यकता के अनुसार तेजी से विस्तार होना चाहिये। भविष्य में आयुष के उपचार की और जरूरत बढ़ेगी।

आयुष राज्य मंत्री कांवरे ने कहा कि प्रदेश में आयुष की शिक्षा में गुणात्मक सुधार किया जा रहा है। कोरोना काल में आयुष के चिकित्सकों और स्टाफ ने मानवीयता और संवेदनशीलता के साथ कार्य कर आयुष को विशेष पहचान दिलाई है। आयुष के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि आयुष की गतिविधियां तेजी से विस्तारित हो। इसके लिये विभाग द्वारा कारगर प्रयास किये जा रहे। बैठक में तय किया गया कि शासकीय स्वशासी अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय इंदौर में त्वचा रोगों के उपचार के लिये शौध केन्द्र बनाया जायेगा। इस महाविद्यालय में आयुर्वेदिक औषधियों के व्यवसायिक उत्पादन को प्रारंभ किया जायेगा। यह औषधियां बगेर लाभ हानि के विक्रय किया जायेगा। महाविद्यालय में औषधी उद्यान स्थापित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि डिस्पेंसरियों में भी पंचकर्म की सुविधा प्रारंभ करने पर विचार किया जा रहा है।