अयोध्या: रामजन्मभूमि विवाद को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर सबसे ज्यादा यहां की जमीन के भाव पर दिखने लगा है। वहीं, जबसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की आधारशिला रखी है, तबसे अयोध्या में जमीनों के रेट आसमान छू रहे हैं। पहले जो जमीन बिस्वा में बिकती थी, अब वर्ग फुट में बिक रही है।
जमीन के कारोबार से जुड़े हुए व्यक्ति बताते हैं कि इन दिनों जमीन की डिमांड बहुत बढ़ गई है। ज्यादातर होटल और रेस्टोरेंट, धर्मशाला के लिए लोग अयोध्या में जमीन खोज रहे हैं।
राम नगरी के सबसे नजदीक बसने वाले 4 गांव हैं- माजा वरहटा, शाहनवा, माझा जमथरा, मीरापुर दुआबा. यह सभी गांव सरयू नदी के किनारे बसे हुए हैं। इन्हीं में से एक गांव में भगवान राम की 251 मीटर विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा लगाने का राज्य सरकार प्रयास कर रही है।
सूत्रों की माने तो इन क्षेत्रों में बड़ी जमीनों की खरीद-फरोख्त पर रोक है। इसके लिए पहले अनुमति लेनी होगी। बीते दिन अयोध्या से सटे मीरापुर दुआबा में भगवान राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा लगाने की कवायद शुरू हुई तो मीरापुर दुआबा के लोगों ने कोर्ट का सहारा लिया और प्रशासन पर कम मुआवजे का आरोप लगाते हुए विरोध किया था।
अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय की मानें तो राम मंदिर निर्माण के साथ अयोध्या में रोजगार के व्यापक अवसर बढ़ रहे हैं। देश और दुनिया के लोग अयोध्या आ रहे हैं और केवल व्यवसाय के उद्देश्य से नहीं धार्मिक उद्देश से भी लोग अयोध्या में समाज सेवा चलते अयोध्या में लोग धर्मशाला, रैन बसेरा, कथा मंडप इस तरीके की तमाम चीजें अयोध्या में लोग बनाना चाह रहे हैं।