22 जनवरी को राम लला मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों- शोरों से है। इस बीच पुलिस प्रशासन भी चुस्त दुरूस्त हो चुका है। राम मंदिर में आने वाले मेंहमानो को यातायात को लेकर कोई परेशानी ना हो इसके लिए प्रशासन ने मोर्चा संभाल रखा है। इसी को लेकर अयोध्या प्रशासन ने आम लोगों के यातायात पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में वही लोग अयोध्या में जा सकेंगे जिन्हे राममंदिर ट्रस्ट द्वारा निमंत्रण दिया गया है।
अयोध्या में यातायात डायवर्जन बीते रात से ही लागू हो चुका है। डायवर्जन के चलते अयोध्या की ओर आने वाले वाहनों को अलग-अलग मार्गों से गंतव्य तक भेजा जाएगा। इस दौरान तीन दिनों के लिए बाहरी व्यक्तियों की एंट्री भी नहीं होगी। हलांकि जो वहां के स्थानीय लोग हैं उन्हें पहचान पत्र दिए गए हैं।
अयोध्या प्रशासन ने कमर कसा
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पहुचनें वाले श्रद्घालुओं को परेशनियों का सामना करना ना पड़े इसके लिए प्रशासन ने यातायात की भी भरपूर व्यवस्था कर रखी है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद रोडवेज लखनऊ से अयोध्या के बीच 80 बसें संचालित करेगा। बस अड्डों से हर 20 मिनट के अंतराल पर यात्रियों को बसें उपलब्ध होंगी। परेशानी होने पर यात्रीयों के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी कर दिया गया है।
हाईवे से एयरपोर्ट तक पुलिस के जवान तैनात
गौरतलब है कि 22 जनवरी प्राण प्रतिष्ठा में अधिकतर वीआईपी लोगों का शामिल होना है। श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तिथि करीब आने के साथ ही एयरपोर्ट पर सुरक्षा सख्त की जा रही है। प्रयागराज हाईवे से एयरपोर्ट तक के डेढ़ किमी की दूरी में दोनों ओर थोड़ी-थोड़ी दूर पर पुलिस के जवानों की तैनाती कर दी गई। एयरपोर्ट के गेट पर सुरक्षा सख्त कर दी गई।
रेलवे विभाग भी यात्राओं को लेकर चुस्त -दुरूस्त
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक अयोध्या के लिए 32 जोड़ी ट्रेनों को चलाया जा रहा है। इनसे करीब 25 हजार यात्रियों की आवाजाही होती है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद यात्रियों की संख्या बढ़कर 75 हजार से एक लाख तक पहुंच सकती है। ऐसे में ट्रेनों की संख्या में भी बढ़ोतरी की जा रही है। दो वंदे भारत, एक अमृत भारत ट्रेन शुरू करने के बाद अब आस्था ट्रेनें अयोध्या से जुड़ेंगी।