लगभग 28 वर्ष पहले अयोध्या में ढहाई गई बाबरी मस्जिद मामले को लेकर फ़ैसला 30 सितंबर को आने वाला है. इस केस में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह और उमा भारती जैसे दिग्गजों सहित 32 लोग आरोपी साबित हुए है. इस मामले की सुनवाई 31 अगस्त को पूरी की जा चुकी थी, जबकि अब सबकी निगाहें अदालत के फ़ैसले पर टिकी हुई है.
भारतीय जनता पार्टी में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह जैसे नेता मार्गदर्शक के रूप में पहचाने जाते हैं. फैसले से पहले की रात इन दिग्गजों के लिए कठिन रात में से एक साबित हो सकती है. क्योंकि अगर इन नेताओं पर लगे आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो इन्हें न्यूनतम 2 जबकि अधिकतम 5 साल तक जेल में गुजारने पड़ सकते हैं.
दूसरी ओर मध्यप्रदेश की पूर्व सीएम और भाजपा नेता उमा भारती फ़ैसला आने से पहले कह चुकी है कि अदालत के फ़ैसले पर वह एतराज नहीं जताएगी. अदालत का फ़ैसला जो भी होगा वे उसे मानेंगी. वे अदालत के फ़ैसले के खिलाफ नहीं जाएगी.
बता दें कि 6 दिसंबर 1992 को गिरा दी गई बाबरी मस्जिद के मामले में कुल 49 लोगों पर मुकदमा दर्ज़ किया गया था. इस केस में फिलहाल 32 आरोपी इसलिए है, क्योंकि 49 में से 17 आरोपियों का निधन हो गया है. बुधवार को कोर्ट इस पर फ़ैसला करेगा कि बाबरी को किसने ढहाया था.