मेरे अपने शहर इंदौर के किसी भी कलाकार को जब राज्य, राष्ट्रीय अथवा अंतर्राष्ट्रीयस्तर का कोई प्रतिष्टित पुरस्कार-सम्मान प्राप्त होने की खबर मुझे पता चलती है तब मेरा दिल बाग-बाग हो जाता है। और इसीमे अगर किसी मध्यम अथवा निम्नमध्यमवर्गीय ,स्वावलंबी, आत्मदीक्षित और संघर्षरत कलाकार को ऐसी कामयाबी मिलने की जानकारी मिलती है तो मेरी खुशी में दुगना इजाफा हो जाता है। ऐसी एक खबर ये है कि शहर के बाशिंदे और सुपरिचित छाया चित्रकार दिलीप भालेराव को हाल ही उदयपुर कथा सिटी पैलेस म्युझियम के बैनर तले आयोजित की गयी अखिल भारतीय छायाचित्र प्रतियोगिता का 21000/₹ का नगद पुरस्कार व कांस्य पदक मिला है। म्युझियम मोमेंट्स एन्ड मॉन्यूमेंट्स विषय पर आयोजित उक्त कशमकशपूर्ण कांटेस्ट में देशभर से हजारो प्रविष्टियां आयी थी। जिसमे छायाकारी क्षेत्र की कई दिग्गज-जानी-मानी हस्तियों ने भी मनोरम छायाचित्र भेजे थे।
एक सौम्य-शांत व धीरगंभीर स्वभाव के साथ मितभाषी- मिलनसार 47 वर्षीय दिलीप शहर के शौकिया छायाचित्रकारो की सक्रिय संस्था” माय एंगल” के संस्थापक है। उक्त संस्था के तत्वावधान में 13 सालो में 13 स्तरीय मनोहारी छायाचित्र प्रदर्शनियां आयोजित की जा चुकी है। विशेष उल्लेखनीय है कि अपने छायाचित्र विश्व के 25 वर्ष के सफर में उन्होंने 10 स्टेट नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के पुरस्कार-सम्मान हांसिल किये है।
विशेष उल्लेखनीय कामयाबी यह रही कि मध्य प्रदेश शासन के वर्ष 2015 के प्रशासनिक कैलेंडर के चुनिंदा 12 छायाचित्रों में इनका भी एक नेत्रसुखद छायाचित्र सामिल था। इनका पेशे से छायाचित्रकार है । साधारण परिस्थिति का यह उत्साही कलाकार अपने परिवार की जिम्मेदारियां सम्हालते हुए शौकिया युवा छायाचित्रकारो को निशुल्क मार्गदर्शन देने का उनका उत्साहवर्धन करने का काम भी करते रहते रहता है। वे मराठी साप्ताहिक ” मी मराठी” और हिंदी सांध्य दैनिक6पी.एम. के प्रेस फोटोग्राफर रह चुके है।
इस खुशमिजाजी कलाकार को ऐसी ही कामयाबियां मिलती रहे,,,यही मंगलकामनाएं