न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 0-3 की शर्मनाक हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम में अस्थिरता का माहौल है। खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन के साथ-साथ अब हेड कोच गौतम गंभीर और उनकी मैनेजमेंट पर भी सवाल उठ रहे हैं। भारतीय टीम को अब बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है, जो गंभीर के करियर के लिए अहम साबित हो सकता है।
ऑस्ट्रेलिया दौरा – गंभीर के लिए आखिरी मौका?
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया दौरा गौतम गंभीर के लिए खुद को साबित करने का आखिरी मौका हो सकता है। अगर भारतीय टीम इस दौरे पर अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है, तो बीसीसीआई उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकती है। ऐसे में गंभीर पर दबाव काफी बढ़ गया है, क्योंकि उनका भविष्य इस दौरे के परिणाम पर निर्भर करता है।
BCCI की गंभीर पर सोच: क्या होगा भविष्य?
राहुल द्रविड़ का कार्यकाल खत्म होने के बाद, बीसीसीआई ने आईपीएल में गंभीर के प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें हेड कोच नियुक्त किया था। लेकिन उनके कार्यकाल में टीम का प्रदर्शन गिरता जा रहा है। श्रीलंका में वनडे सीरीज हारने के बाद भारत ने घरेलू टेस्ट सीरीज भी न्यूजीलैंड के खिलाफ बुरी तरह गंवा दी। इसके चलते बीसीसीआई अब टी20 और टेस्ट क्रिकेट के लिए अलग-अलग कोच रखने पर विचार कर रही है।
बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, बोर्ड गंभीर को तुरंत नहीं हटा सकता है, लेकिन फॉर्मेट के हिसाब से कोच बदलने का फैसला ले सकता है। अगर ऑस्ट्रेलिया दौरा भी असफल रहता है, तो गंभीर से टेस्ट टीम की जिम्मेदारी लेकर नेशनल क्रिकेट एकेडमी के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है, जबकि वनडे और टी20 टीम की कोचिंग गंभीर के पास बनी रहेगी।
गंभीर से BCCI की पूछताछ
मुंबई टेस्ट में तीन दिनों के अंदर भारत की हार के बाद बीसीसीआई ने कप्तान रोहित शर्मा, हेड कोच गौतम गंभीर और चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर के साथ मीटिंग की। इस दौरान बीसीसीआई ने “रैंक टर्नर” पिच की मांग और आखिरी मैच में जसप्रीत बुमराह को आराम देने के फैसले को लेकर सवाल किए।
इसके साथ ही, कप्तान रोहित शर्मा से गौतम गंभीर की कोचिंग और टीम सेलेक्शन पर बातचीत हुई। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, मीटिंग से यह स्पष्ट हुआ कि टीम मैनेजमेंट के कुछ सदस्यों और हेड कोच गंभीर के बीच सेलेक्शन को लेकर मतभेद हैं। तीनों से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में सुधार के लिए उनकी योजनाओं के बारे में भी पूछा गया।