हिंदू धर्म में नए कार्य की शुरुआत करना हो या फिर शुभ खरीदारी करनी हो उसके लिए शुभ मुहूर्त जरूर देखा जाता है। वहीं ऐसी मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में की गई खरीदारी चीजें या किसी नए कार्य का शुभारंभ करने पर उसमें सफलता अवश्य मिलती है। हिंदू धर्म सभी त्योहारों को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, साथ ही त्योहारों का विशेष महत्व होता है। कई त्योहारों में नई चीजों की खरीदारी जरूर की जाती है जैसे कि नवरात्रि, दशहरा, धनतेरस और दिवाली आदि में तो बढ़ चढ़कर बाजारों से खरीदारी की जाती है।
वहीं दीपावली (Deepawali) के पूर्व 28 अक्टूबर को खरीद का महामुहूर्त पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) गुरुवार को 9.42 से शुरू होगा । इस पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग भी रहेगा और यह 29 अक्टूबर को सुबह 6.25 बजे तक रहेगा। खरीदारी के लिए शहर के सराफा बाजार (Bullion Market), बर्तन बाजार (Utensil Market), कपड़ा मार्केट, एम टी एच, जेल रोड सहित शहर के सभी शापिंग मॉल और शो रूम सज संवर कर निखर गए हैं।
धनतेरस और दिवाली (Diwali) से पहले ही खरीदारी के लिए सभी 27 नक्षत्रों में गुरु-पुष्य नक्षत्र (Guru Pushya Nakshatra) बहुत खास होता है। 28 अक्टूबर को पूरे दिन और रात के समय पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) रहेगा। जब भी गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) पड़ता है, इसे गुरु-पुष्य नक्षत्र कहा जाता है। ऐसा शुभ संयोग साल में एक से दो बार ही बनता है।
ज्योतिषाचार्यो के अनुसार 677 साल बाद गुरु-पुष्य योग में शनि और गुरु दोनों ही मकर राशि में विराजमान रहेंगे। ऐसे में इस शुभ संयोग में खरीदारी और निवेश का महामुहूर्त इस बार दिवाली से पहले बन रहा है। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनिदेव ही हैं। ऐसे में खरीदारी के लिए यह बहुत ही मौका है।