सावधान! देशभर में बिकने वाले पैक्ड खाद्य पदार्थों पर हलाल प्रमाणीकरण की मोहर लगाना अनिवार्य

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इंदौर। बिना किसी शोर-शराबे के देशभर में बिकने वाले पैक्ड खाद्य पदार्थों पर हलाल प्रमाणीकरण की मोहर लगना शुरू हो गई है। जिन खाद्य पदार्थों पर यह मोहर नहीं लगी होती है उसे वर्ग विशेष के द्वारा नहीं खरीदा जाता है। ऐसे में बहुसंख्यक समुदाय के द्वारा भी अज्ञानता में हलाल प्रमाणीकरण वाले खाद्य पदार्थ खरीद कर उनका उपयोग किया जा रहा है। इस हलाल प्रमाणीकरण पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।

यह आवाज हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं हलाल जिहाद ग्रंथ के लेखक रमेश शिंदे स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में आवाज उठाई। शिंदे ने कहा कि भारत में खाद्य पदार्थों को प्रमाण-पत्र देने के लिए केंद्र सरकार की संस्थाएं ‘FSSAI’ एवं ‘FDA’ अर्थात राज्य के ‘अन्न एवं औषधि प्रशासन’ जैसे विभाग होते हुए भी हिन्दुबहुल भारत में अलग से हलाल प्रमाणपत्र की अनिवार्यता किसलिए है?

शिंदे ने कहा कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस आदि देशों में हलाल प्रमाणपत्र एवं हलाल प्रमाणित वस्तुओं की बिक्री से मिलने वाले पैसों का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए किए जाने की बात उजागर हुई है। उसकी भांति भारत में भी हलाल प्रमाणपत्र प्रदान करनेवाले ‘जमियत उलेमा-ए-हिन्द हलाल ट्रस्ट’ मुंबई के 26/11 का आक्रमण, जव्हेरी बजार में किए गए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट, देहली की जामा मस्जिद में हुए बम विस्फोट, पुणे के जर्मन बेकरी में किए गए बम विस्फोट, वर्ष 2006 का मालेगांव बम विस्फोट, अहमदाबाद बम विस्फोट आदि अनेक आतंकी गतिविधियों में संलिप्त आरोपियों की कानूनी सहायता कर रहा है, यह उजागर हो चुका है । इसमें ‘लश्कर-ए-तैयबा’, ‘इंडियन मुजाहिदीन’, ‘इस्लामिक स्टेट’ जैसे विभिन्न आतंकवादी संगठनों से संबंधित लगभग 700 संदिग्ध आरोपियों के अभियोगों के लिए आर्थिक सहायता की जाती है।

उन्होंने बताया कि यह प्रमाणीकरण को देने के लिए एक खाद्य पदार्थ का शुल्क 60000 वसूला जाता है। यह पैसा आतंकवाद की मदद में लगता है। ऐसे में अवैध रूप से किए जा रहे इस प्रमाणीकरण को सख्ती से रोका जाना चाहिए।

उन्होंने मांग की कि जब विदेशों में इस प्रमाणीकरण पर रोक लगाई जा सकती है, तो फिर हमारे देश में यह रोक क्यों नहीं लग सकती है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस दिशा में कार्रवाई किए जाने के लिए आग्रह किया और यह जानकारी दी कि कर्नाटक राज्य सरकार ने हलाल प्रमाणीकरण पर रोक लगाने की दिशा में कानून बनाने की पहल की। अब दूसरे राज्यों को भी इस दिशा में कार्य करना चाहिए।

कार्यक्रम के प्रारंभ में स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की अतिथि शिंदे का स्वागत सामाजिक कार्यकर्ता माला ठाकुर, मीना राणा शाह, सोनाली यादव, डाॅ. मनीष काले, जितेन्द्र जाखेटिया, गणेश एस चैधरी, डाॅ. कमल हेतावल, प्रीति भारद्वाज, अंजना यादव, शैलेन्द्र श्रीमाल, रूपेश कटारिया ने किया। अंत में हिंदू जनजागृति समिति के आनंद जाखोटिया ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में राष्ट्रवादी विचार धारा से जुड़े कार्यकर्ता मौजूद थे।