12 साल की उम्र में जब 12 वीं की एग्जाम दी उस दौरान दादाजी की डेथ हो गई थी, पापा कॉविड की वजह से हॉस्पिटल में एडमिट थे, मन हताश हुआ, लेकिन होंसला नहीं टूटा – तनिष्का सुजीत

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इंदौर। जब मैने 12 वीं की एग्जाम दी थी उस वक्त पापा को कॉविड हुआ था और वह हॉस्पिटल में एडमिट थे. एग्जाम के दो दिन पहले ही दादाजी की डेथ हो गई थी। मन हताश हुआ, पढ़ाई में मन नहीं लगा पा रही थी, तो पापा से फोन पर बात की उन्होंने कहा कि यह तो जीवन के पहलू हैं, आप अपने करियर पर ध्यान दो। अच्छे से एग्जाम दी, कुछ समय बाद पापा की डेथ हो गई। पापा के जाने के बाद मम्मी हमेशा मुझे मोटिवेट करती हैं। मम्मी टीचर हैं, वह मेरे लिए काफी समय निकालते हैं। में पापा को बहुत मिस करती हूं, खासकर ऐसे मौके पर जब में कामयाबी की और बढ़ रही हूं, और आज वह साथ नहीं हैं, लेकिन उनका आशीर्वाद हमेशा साथ रहता हैं। यह बात शहर की होनहार स्टूडेंट तनिष्का सुजीत ने कही। उन्होंने महज 11 साल की उम्र में 10 वीं फर्स्ट डिवीजन से पास किया और 12 साल की उम्र में 12 वीं की परीक्षा कॉमर्स सब्जेक्ट से पास की। उन्होंने हाल ही में प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी जी से मुलाकात कर शहर को गौरान्वित किया हैं।

सवाल.आपने 5 वीं के बाद 10 वीं की एग्जाम दी, किस तरह की चुनौतियां सामने आई

जवाब.जब मेरी उम्र 9 साल थी, उस वक्त में 5 वीं कक्षा में नॉर्मल स्टूडेंट की तरह ही स्टेप बाय स्टेप क्लास पास कर रही थी। में पढ़ने में काफी अच्छी थी, मैने 5वीं में टॉप किया था। पापा और मम्मी ने मेरे अंदर के टेलेंट और हार्ड वर्क को पहचान लिया। और हमने 10 वी की एग्जाम देने का संकल्प लिया। सब इतना आसान नहीं था, मेरी कम उम्र के कारण डायरेक्टली मुझे 10 वीं की एग्जाम के लिए परमिशन नहीं दी जा रही थी। इसके संबंध में हमने राज्यपाल जी से मुलाकात की, उन्होंने दस्तावेजों और अन्य प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए, मुझे परमिशन दी। इसके लिए 2 महीने के अंतराल में मेरा 9 वीं और 10 वीं का टेस्ट लिया गया। 10 वीं में एक ही दिन में मेरे 6 सब्जेक्ट के टेस्ट लिए गए, जिसमें मैने 82 प्रतिशत स्कोर किया। लगभग 1 साल मिस होने के बाद मालवा कन्या स्कूल में एडमिशन हुआ. वहां से मैने 10 वीं और 12 वीं की पढ़ाई की

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सवाल. अचानक 10 वीं की एग्जाम देने का मन कैसे बना, पढ़ाई कैसे करते थे

जवाब.मेरे पापा सुजीत चंद्र एक टीचर थे, वह 10 वीं और 12 वीं के स्टूडेंट्स को कोचिंग पढ़ाते थे। जब में 5 वीं की क्लास में थी तो मुझे अपने कोर्स से ज्यादा 10 वीं और 12 वीं के कोर्स में इंटरेस्ट था। जब मैने 10 वीं की पढ़ाई शुरु की तो रोजाना सुबह 5 बजे उठकर पापा के साथ रनिंग करने जाती थी, इसके बाद दिनभर अलग अलग टाइम टेबल के हिसाब से पढ़ाई करती थी।पापा और हम मूवी देखते थे, गेम्स खेलते थे, उन्होनें कभी मुझे स्ट्रेस में नहीं आने दिया।

सवाल.क्लास फ्रेंड्स को पता चला तो कैसे बर्ताव किया

जवाब.जब दोस्तों और कुछ लोगों को पता चला कि में 10 वीं की एग्जाम देने वाली हूं, तो कुछ लोगों ने मोटिवेट किया. वहीं कुछ लोगों ने यह कहकर डिमोटिवेट करने की कोशिश की और यह कहा कि इतना सबकुछ आसान नहीं हैं, ऐसे करने से फ्यूचर बिगड़ जाएगा.पढ़ाई पर इसका असर पड़ेगा. पढ़ाई स्टेप बाय स्टेप होनी चाहिए, अचानक जंप करना ठीक नहीं। लेकिन पापा हमेशा कहा करते थे कि हमें सबसे अलग हटकर रिकॉर्ड बनाकर दिखाना हैं,और मैने पापा के उन शब्दों को मन में बैठा लिया था। जब मैने करके दिखाया तो सब जगह से तारीफ होने लगी।

सवाल. अभी आप ग्रेजुएशन में क्या कर रहे हैं, भविष्य में क्या बनने का सपना हैं

जवाब.मेरे साथ जो स्कूल में फ्रेंड थे वह आज 11 वीं में पढ़ाई कर रहे हैं. उन लोगों से बात होती रहती हैं। अभी में डीएवीवी के स्कूल ऑफ सोशल साइंस से बीए साइकोलॉजी की पढ़ाई कर रही हूं। इस साल 15 साल की उम्र में ग्रेजुएशन करने के बाद सबसे कम उम्र की ग्रेजुएट का खिताब भी अपने नाम कर लूंगी। मेरा सपना बीए एलएलबी करने का था, लेकिन एज के कारण मेरा एडमिशन नहीं हो सका, लेकिन में अपने लक्ष्य से हटी नहीं हूं. ग्रेजुएशन के बाद बीए साइकोलॉजी से यूएस से लॉ की तैयारी करूंगी। भविष्य में मेरा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने का सपना हैं।

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सवाल.आप हाल ही में मोदीजी से मिली, क्या बातें हुई

जवाब.में हाल ही में मोदीजी से मिली, हमारे साथ शहर के लोकप्रिय सांसद शंकर लालवानी जी भी थे, में शुरुआत में तो काफी नर्वस थी, कि में उनसे कैसे बात करूंगी. जैसे ही वह इंटर हुए, एनर्जी आ गई और मैने उनसे बात की। उन्होंने मुझसे बातें की और हंसी मजाक भी किया। सर ने अचानक कहा कि तुम मुझे क्या सीखा सकती हो, उस दौरान में शॉक्ड रह गई, मैने कहा आपको में क्या सीखा सकती हूं, डेडीकेशन और हार्डवर्क मैने जवाब दिया वो आपमें मुझसे भी ज्यादा हैं। उन्होंने जब मेरे ड्रीम के बारे में पूछा तो मैने बताया तो उन्होंने होंसला बढ़ाने के साथ साथ कुछ सजेशन भी दिए। साथ ही साथ उन्होंने यह भी पूछा कि आपके साथ में जो बच्चे पढ़े थे वह अब कैसे बर्ताव करते हैं, में कितने घंटे पढ़ाई करती हूं।