कभी भी MP में हो सकती है बत्ती गुल, इस चीज की है भारी किल्लत

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एमपी में कभी भी बत्ती गुल हो सकती है। इसके पीछे एक बहुत बड़ी वजह है। बताया जा रहा है कि कोयले की आपूर्ति में कमी है जिसकी वजह से ताप विद्युत संयंत्रों की कई यूनिट बंद करने की नौबत आ चुकी हैं। इस बात को सरकार कम डिमांड या मेंटनेंस की आड़ में ढ़कने की कोशिश कर रही है। लेकिन सच ये है कि इन दिनों बिजली का उत्पादन कम हो गया है। जानकारी के मुताबिक, अभी सिर्फ पावर प्लांटों में 2 से 7 दिनों का ही कोयला बचा हुआ है।

बड़ी बात ये है कि अभी रबी सीजन चल रहा है और ऐसे में किसानों को बिजली की जरूरत होती है। बता दे, राज्य के कई पावर प्लांट ऐसे हैं जहां ब्लैक आउट जल्द ही हो सकता है। कहा जा रहा है बारिश के समय में बिजली का कम सप्लाई हुआ। ऐसे में एमपी को ब्लैक आउट का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा राज्य के प्रमुख थर्मल पावर प्लांटों के भी हाल अभी ठीक नहीं चल रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, अमरकंटक थर्मल पावर प्लांट में रोज़ाना 4000 टन कोयले की ज़रूरत है। लेकिन अभी स्टॉक में सिर्फ 8300 टन उपलब्ध है। वहीं उत्पादन होता है 210 मेगावाट। अभी 149 मेगावाट का उत्पादन हो रहा है। इसके अलावा संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट में 18000 टन रोज़ाना की ज़रुरत है। जिसमें से अभी 70,000 टन स्टॉक में है। वहीं बिजली बनाने की क्षमता 1340 मेगावाट है। जिसमे से 477 मेगावाट का उत्पादन अभी हो रहा है।

जानकारी के मुताबिक, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने एनडीटीवी को बताया है कि हमारे प्लांट कम लोड पर चल रहे हैं, क्यों चल रहे हैं मांग में कमी है, कई प्लांट हमारे वार्षिक संधारण में जा रहे हैं, मैंटनेंस हो रहा है। मैं आज फिर कह रहा हूं कोयले का संकट है लेकिन उसके कारण आम उपभोक्ता को परेशान नहीं होने देंगे ये हमारा सुनिश्चित वायदा है।