AstraZeneca ने एक बड़ा फैसला लिया है जिसमे AstraZeneca ने दुनियाभर से बाजार में मौजूद सारी कोविड वैक्सीन वापस माँगा ली है इसकी सफाई देते हुए कंपनी ने कहा है कि कोविड के बाद बाजार में टीकों की अधिकता हो गयी है जिसके कारण एस्ट्राजेनेका ने दुनिया भर से अपने कोविड-19 वैक्सीन को वापस लेने की पहल की है। रॉयटर्स समाचार एजेंसी के अनुसार, चूंकि कई प्रकार के कोविड-19 टीके विकसित किए गए हैं, इसलिए बाजार में उपलब्ध टीकों की अधिकता है।
हाल ही में, यूके मुख्यालय वाली फार्मास्युटिकल दिग्गज ने स्वीकार किया कि बहुत ही दुर्लभ मामलों में, उसका कोविड ठीके से रक्त का थक्का बनने जैसे और रक्त में प्लैटलैट्स काम होने जैसे दुष्प्रभाव सामने आये है। इन टीको से होने वाले दुष्प्रभावो के कारण फ़िलहाल अज्ञात है।
डेली टेलीग्राफ ने बताया कि फरवरी में 51 दावेदारों द्वारा लाए गए समूह कार्रवाई में लंदन में उच्च न्यायालय में प्रस्तुत एक कानूनी दस्तावेज में, एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ मिलकर कोविड-19 से बचाव के लिए विकसित किया गया टीका थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस का कारण बन सकता है।
भारत में कोविशील्ड के नाम से वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया:
वैक्सीन को बाजार से वापस लेने का आवेदन 5 मार्च को किया गया था, जो 7 मई तक प्रभावी रहा। एस्ट्राजेनेका ने साल 2020 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन बनाई थी। सीरम इंस्टीट्यूट अपने फॉर्मूले का इस्तेमाल कर कोविशील्ड नाम से वैक्सीन बनाती है।