सहायक आयुक्त एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी नियमित करें छात्रावासों का निरीक्षण : संभागायुक्त

Deepak Meena
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इंदौर : संभागायुक्त मालसिंह द्वारा जनजातीय कार्य विभाग के छात्रावास, आश्रम एवं विशिष्ट संस्थाओं के संचालन के संबंध में आज सहायक आयुक्तों, विकास खंड शिक्षा अधिकारियों, एकलव्य विद्यालय एवं कन्या शिक्षा परिसर के प्राचार्य, अधीक्षक-अधिक्षिकाओं के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि अधीक्षक-अधिक्षिकाओं का छात्रावास परिसर / मुख्यालय पर ही निवास रहेगा। कन्या छात्रावास/आश्रमों में रात्रिकालीन ड्युटी हेतु केवल महिला कर्मचारी की ही ड्युटी लगाई जाये। परिसर में बाहरी व्यक्तियों का अनाधिकृत प्रवेश वर्जित रखा जाये। कन्या छात्रावासों में सीसीटीवी कैमरे क्रियाशील रहे एवं रिकार्डिंग एक माह तक सुरखित रखें एवं सीसीटीवी की लिंक अधीक्षिका / प्राचार्य के मोबाईल पर उपलब्ध रहे। कन्या छात्रावास परिसरों में अधीक्षिका एवं महिला चौकीदार के अलावा किसी भी बाहरी व्यक्ति का शाम 5 बजे के बाद प्रवेश वर्जित रखा जाये। बैठक में डिप्टी कमिश्नर जनजाति कार्य विभाग बृजेश चंद्र पांडेय  भी उपस्थित थे।
संभागायुक्त मालसिंह ने निर्देश दिए कि सभी छात्रावास/आश्रमों में मासिक स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम प्रतिमाह आयोजित किये जायें। बीमार छात्रों का तत्काल शासकीय चिकित्सालयों अथवा निजी चिकित्सालयों में ईलाज किया जाए। उन्होंने कहा कि परीक्षा काल में अधिकांश छात्र-छात्राएँ तनाव में रहते हैं, अतः इस समय अधीक्षक-अधिक्षिकायें तथा प्राचार्यों को अधिक सजग रहने की आवश्यकता है। इस समय छात्र-छात्राओं से निरंतर संवाद किया जाये तथा उनकी मनोस्थिति अनुसार उन्हें आवश्यक समझाईश दी जाये। छात्रों से निरंतर संवाद कर उनकी समस्याएँ जानकर उनकी हरसंभव निराकरण का प्रयास किया जाये। कन्या छात्रावासों के निरीक्षण हेतु जिला कलेक्टर से महिला अधिकारियों/प्राचार्यों की ड्यूटी लगवाई जाकर प्रति सप्ताह सत्र समाप्ति तक निरीक्षण कराया जाये तथा टी.एल. बैठक में समीक्षा की जाये। बच्चों को गुणवत्तायुक्त तथा पौष्टिक भोजन / नाश्ता मीनू अनुसार दिया जाये। छात्र-छात्राओं को मिलने वाली समस्त आवश्यक सामग्रियों एवं स्टेशनरी उपलब्ध कराई जाये।
संभागायुक्त ने कहा कि सभी सहायक आयुक्त एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी प्रतिदिन तीन-चार छात्रावास (दुर्गम क्षेत्रों के) का निरीक्षण करें एवं निरीक्षण प्रतिवेदन संभागीय उपायुक्त कार्यालय के माध्यम से उपलब्ध कराएं। किसी भी छोटी-बड़ी घटना की जानकारी, जिला कलेक्टर एवं संभागीय उपायुक्त के माध्यम से संज्ञान में लाई जाये। निर्देश दिए कि उक्त निर्देशों के साथ ही गत बैठकों में दिए गए निर्देशों का भी पालन सुनिश्चित किया जाये।