गृह मंत्रालय की ओर से असम में जारी की गई एनआरसी सूची में 19 लोगों के नाम शामिल नहीं है। साथ ही तीन करोड़ से ज्यादा लोगों को भारतीय नागरिक माना गया है। जिसके बाद अब इस सूची पर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
असम से कांग्रेस सांसद ने इन पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह इस सूची से संतुष्ट नहीं है। इस पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि तथाकथित अवैध प्रवासी के मिथक का भंडाफोड़ हुआ है।
ओवैसी ने कहा, ‘भाजपा को इससे सबक लेना चाहिए। उन्हें हिंदुओं और मुसलमानों के संदर्भ में पूरे देश में एनआरसी लागू करने के बारे में पूछना बंद कर देना चाहिए। असम में जो हुआ उससे उन्हें सबक सीखना चाहिए। अवैध प्रवासियों के तथाकथित मिथक का भंडाफोड़ हुआ है।’
एआईएमआईएम अध्यक्ष ने आगे कहा, ‘मुझे शक है कि नागरिक संशोधन विधेयक के माध्यम से भाजपा एक विधेयक ला सकती है जिसमें वे सभी गैर-मुस्लिमों को नागरिकता देने की कोशिश कर सकते हैं। जोकि फिर से समानता के अधिकार का उल्लंघन होगा।’
हैदराबाद से सांसद ने कहा, ‘असम के बहुत से लोगों ने मुझे बताया है कि उनके नाम सूची में शामिल हैं लेकिन उनके बच्चों ने नाम सूची से बाहर हैं। उदाहरण के तौर पर मोहम्मद सनाउल्लाह को लीजिए उन्होंने सेना में सेवा दी। उनका मामला उच्च न्यायालय में लंबित है। मुझे पूरा विश्वास है कि उन्हें न्याय मिलेगा।’