भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मध्य प्रदेश की प्राचीन भोजशाला के बारे में की गई सर्वे रिपोर्ट को इंदौर हाईकोर्ट में पेश कर दिया है। रिपोर्ट में दो हजार पन्ने हैं, हाईकोर्ट द्वारा रिपोर्ट के सार्वजनिक खुलासे पर रोक लगा दी गई है। सभी पक्षों को इस रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में दिया जाएगा।
हिंदू पक्ष का दावा: 1700 से ज्यादा हिंदू देवी-देवताओं और मंदिरों के पुरातात्विक अवशेष मिले
हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने दावा किया कि हमारे सामने जो सर्वे हुआ है, उसके आधार पर हम कह रहे हैं कि यह इमारत राजा भोज के काल की साबित होगी, जिसका निर्माण वर्ष 1034 में हुआ था। सर्वे में 1700 से ज्यादा हिंदू देवी-देवताओं और मंदिरों के पुरातात्विक अवशेष मिले हैं, जो परमार काल की हो सकती हैं। इस तरह यह परमार काल की इमारत है।
मुस्लिम पक्ष का दावा
मुस्लिम पक्ष ने दावा किया कि रिपोर्ट पक्षकारों को दी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी रिपोर्ट की गोपनीयता बनाए रखने के निर्देश दिए थे, इसलिए हम इस बात की भी जानकारी जुटा रहे हैं कि पक्षकारों को रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए थी या नहीं। हमें उम्मीद है कि कोई भी पक्षकार रिपोर्ट की जानकारी सार्वजनिक नहीं करेगा, ताकि शांति बनी रहे।
22 जुलाई को इंदौर हाईकोर्ट में होगी सुनवाई