आशीष सिंह को मिला ईमानदारी और सक्रियता का लाभ

Shivani Rathore
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इंदौर के नए कलेक्टर बने आशीष सिंह के बारें में वैसे तो हर कोई जानता है परन्तु आज हम आपको उनसे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बताने जा रहे है, जिसका उनके जीवन में बहुत बड़ा योगदान है। जी हां, आपको बता दे कि 2010 बैच के IAS ऑफिसर आशीष सिंह की सबसे पहली पदस्थापना कटनी जिले में अपर कलेक्टर के पद पर हुई थी। इसके पश्चात उन्हें इंदौर जिला पंचायत का सीईओ बनाया गया था। उसके कुछ ही दिनों बाद उन्हें उज्जैन नगर निगम कमिश्नर के बाद देवास कलेक्टर के रूम में जिम्मेदारी दी गई थी।

अपनी इन जिम्मेदारियों के बीच फिर आशीष सिंह को इंदौर नगर निगम का कमिश्रनर बनाया गया। फिर वह बाद में उज्जैन कलेक्टर भी बनाये गए। उन्होंने ख़ुशी जाहिर करते हुए बताया कि मेरे कार्यकाल के दौरान ही उज्जैन के महाकाल लोक का निर्माण कार्य पूरा हुआ है।

इंदौर को दिलाई थी स्वच्छता की पहचान

आपको बता दे कि स्वच्छता की सिटी माने जाने वाले इंदौर को स्वच्छ शहर के रूप में पहचान सबसे पहले आशीष सिंह ने ही दिलाई थी। उनके कार्यकाल के दौरान ही इंदौर स्वच्छता के मामले में इंदौर नंबर वन आया था।

KBC की हॉट सीट पर बैठ चुके है आशीष सिंह

इंदौर के नवनियुक्त कलेक्टर आशीष सिंह ‘कौन बनेगा करोड़पति’ की हॉट सीट पर भी बैठ चुके हैं। जी हां, आपको बता दे कि इंदौर शहर ने जब स्वच्छता की हैट्रिक लगाई थी, तब आशीष सिंह वहां निगम कमिश्नर थे। इसके बाद उन्हें KBC के कर्मवीर एपिसोड में हॉट सीट पर बैठने का मौका मिला था। इस दौरान उन्होंने शो में साढ़े 12 लाख रुपए जीते थे।

कोरोना में बिगड़े हालात पर निभाई बड़ी जिम्मेदारी

उज्जैन में कार्यकाल में दौरान आशीष सिंह ने बताया था कि इंदौर निगम कमिश्नर के पद से उज्जैन कलेक्टर के रूप में उन्हें कलेक्टर की जिम्मेदारी उस समय दी गई थी जब पूरे देश में कोरोना ने हालात बिगड़ रखे थे। कोरोना के चलते उज्जैन में काफी तेजी से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ गई थी। इस दौरान सरकार ने कलेक्टर के रूप में आशीष सिंह को भेजकर कोरोना से निपटने के लिए पर्याप्त कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इस काम में आईएएस आशीष सिंह को सफलता भी मिली थी।