C21 मॉल तथा चाय घोटाले के दोषी अधिकारियों पर प्रॉसीक्यूशन कार्रवाई क्यों नहीं हुई

Shivani Rathore
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अर्जुन राठौर

इंदौर के बहुचर्चित C21 मॉल तथा चाय व्यापारियों द्वारा आईडीए द्वारा दिए गए प्लॉटों पर प्लीज का दुरुपयोग करने के मामले में भोपाल सचिवालय द्वारा प्रॉसीक्यूशन की कार्रवाई करने के आदेश इंदौर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को दिए गए थे लेकिन आश्चर्य की बात है कि भोपाल से आदेश आने के बाद भी अभी तक प्रॉसीक्यूशन की कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है

C21 मॉल के मामले में लीज डीड का दुरुपयोग किया गया और 11 प्लॉटों को जोड़कर अवैध माल बना लिया गया इसके अलावा जिन व्यापारियों द्वारा चाय का कारोबार नहीं करते हुए अन्य व्यवसाय के लिए अपने प्लाट दे दिए उनके खिलाफ भी लीज निरस्त से लेकर अन्य कार्रवाई की जानी थी विचारणीय बात यह है कि जब C21 मॉल में 11 प्लॉटों को संयुक्त किया गया तब नगर निगम और टीएनसीपी डिपार्टमेंट द्वारा इसे अनुमति कैसे दे दी गई.।

जबकि लीज की शर्तों में स्पष्ट उल्लेख था कि आवंटित भूमि पर केवल चाय का कारोबार ही किया जा सकता है जब C21 मॉल के मालिकों द्वारा लीज के जो दस्तावेज नगर निगम तथा टीएनसीपी डिपार्टमेंट में प्रस्तुत किए गए तब अधिकारियों द्वारा यह क्यों नहीं देखा गया कि लीज डीड में चाय का कारोबार करना लिखा है तो फिर इन 11 प्लाटों पर C21 मॉल कैसे बन सकता है इस तरह से अधिकारियों द्वारा रिश्वतखोरी करके C21 मॉल को अवैध रूप से अनुमति दे दी गई।

जब यह पूरा मामला भोपाल पहुंचा तो भोपाल से आदेश निकाले गए कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हुए प्रॉसीक्यूशन किया जाए लेकिन अभी तक न तो इन अधिकारियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई गई है और ना ही इन्हें शासकीय सेवा से निलंबित किया गया है ।