‘चाय वाले’ की तर्ज पर ‘भूखे-नंगे’ को बना दिया मुख्य मुद्दा

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उप चुनावों के लिए प्रचार अभियान चरम पर पहुंच रहा है और कांग्रेस है कि सेल्फ गोल करने पर आमादा है। कमलनाथ सहित कुछ नेताओं के बड़बोले बयानों के कारण कांग्रेस बचाव की मुद्रा में है। भाजपा चाय वाले की तर्ज पर शिवराज को भूखे-नंगे परिवार का कहने को उप चुनाव का मुख्य बनाने की तैयारी में है। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने नरेंद्र मोदी को लेकर कह दिया था, एक चाय बेचने वाला क्या प्रधानमंत्री बनेगा। यह कथन कांग्रेस के लिए आत्मघाती साबित हुआ था। इस एक कथन को भाजपा ने लपक लिया था और कांग्रेस सड़क पर आ गई थी। इसी तर्ज पर भाजपा शिवराज को भूखे-नंगे परिवार का कहने को भुनाने की तैयारी में है। शिवराज के लिए ऐसा बोलने वाले किसान कांग्रेस के नेता दिनेश गुर्जर ने हालांकि माफी मांग ली है लेकिन भाजपा का हर नेता, इसे लेकर कांग्रेस को घेर रहा है। किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गुर्जर ने शिवराज को भूखे-नंगे परिवार का बताया था। कमलनाथ अपने खुद के कुछ बयानों के कारण भी घिर रहे हैं।


0 शिवराज को गरीबों का नेता दिखाने की रणनीति….

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को भूखा-नंगा बताने को भाजपा अपना चुनावी मुद्दा बनाने जा रही है। पार्टी ने इसे हैशटैग बना लिया है। रणनीति शिवराज को गरीबों का नेता प्रचारित करने की बनाई गई है। पार्टी में इसकी तैयारी जोर-शोर से की जाने लगी है। रणनीति के तहत भाजपा खुद को गरीब हितैषी और कांग्रेस को उद्योगपतियों की पार्टी के तौर पर प्रचारित करेगी। शिवराज ने कमलनाथ पर उद्योगपति होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि दिग्विजय सरकार में ट्रांसफार्मर की सप्लाई कर वे उद्योगपति बने। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश सरकार गरीब और किसान के लिए दोगुनी रफ्तार से काम करेगी।


0 नारियल और घुटनों के बल प्रणाम भी मुद्दा….

कांग्रेस द्वारा शिवराज को भूखे-नंगे परिवार का कहने को ही भाजपा मुद्दा नहीं बना रही, नारियल और जनता को घुटने के बल प्रणाम करने को भी पार्टी ने मुद्दा बना लिया है। नारियल वाला बयान खुद कमलनाथ ने दिया था। इसे लेकर भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। शिवराज ने कहा है कि कांग्रेस को नारियल में नहीं विकास में आपत्ति है। विकास करते हैं, तो कांग्रेस वाले कहते हैं नारियल लेकर चलते हैं। घुटनों के बल प्रणाम के मामले में शिवराज ने कहा कि ये जनता के प्रति मेरी आस्था है। प्रधानमंत्री मोदी भी जनता को झुककर प्रणाम करते हैं। हमने तो कई बार जनता के सामने घुटने टेके हैं और हमेशा टेकते रहेंगे। भूखा और नंगा कहने पर शिवराज ने कहा कि मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है। हम नंगे और भूखे ही अच्छे हैं, क्योंकि सरकार का इस्तेमाल जनता की बेहतरी के लिए करते हैं।


0 कांग्रेस में बयानों को लेकर नाराजगी….

एक तरफ कमलनाथ अकेले 28 विधानसभा सीटों के उप चुनाव लड़ते दिखाई पड़ रहे हैं। उनके मुकाबले मुख्यमंत्री शिवराज और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा का हर बड़ा नेता मैदान में है। दूसरी तरफ कांग्रेस खुद सेल्फ गोल कर भाजपा को मुद्दे थमा रही है। हालात यह है कि नारियल, घुटने के बल प्रणाम तथा भूखा-नंगा उप चुनाव में मुख्य मुद्दा बनते दिख रहे हैं। कांग्रेस की ओर से बचाव की बागडोर खुद कमलनाथ अथवा उनके प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा के हाथ है। अब अजय सिंह, सज्जन सिंह वर्मा सक्रिय हुए हैं लेकिन दिग्विजय जैसे बड़े नेता इस मसले पर सफाई देने सामने नहीं आए। इन बयानों के कारण कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है। पार्टी के लिए डैमेज कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा है।


0 गरीब के मुकाबले मर्यादा पुरुषोत्तम की एंट्री….

शिवराज को गरीब बताने पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने ‘मैं भी शिवराज ‘ अभियान की शुरुआत अपने ट्विटर में लिखकर की थी। उन्होंने पार्टी नेताओं से अपेक्षा की थी कि सभी सोशल मीडिया में अपनी डीपी बदलें शिवराज वाली फोटो लगाएं लेकिन शर्मा के इस अभियान को पार्टी में ही समर्थन नहीं मिला। इसके जवाब में कांग्रेस ने मैं भी बनूंगा मर्यादा पुरुषोत्तम अभियान शुरू किया है। कांग्रेस ने एक पोस्टर जारी कर कहा है कि उप चुनाव राम और रावण की लड़ाई है। भाजपा ने साधु का वेश धारण कर रावण की तरह छल से सत्ता का हरण किया है, इसके खिलाफ हर कांग्रेसी मर्यादा पुरुषोत्तम बनकर लड़ाई लड़ रहा है। इस तरह कांग्रेस ने गरीब के मुकाबले मर्यादा पुरुषोत्तम राम की एंट्री करा दी है।

@दिनेश निगम ‘त्यागी’