नागरिक की अभिलाषा

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धैर्यशील येवले, इंदौर

अखबारों में न हो
कोई सनसनीखेज खबर
टी वी चैनलों पर न हो
अनावश्यक मुद्दों पर
निरर्थक बहस ।

हर सवार चलता रहे
रोड पर नियमानुसार बाएं
पैदल चले फुटपाथ पर
सायकल दौड़े उसके ट्रेक पर
हो खड़े रेहड़ी ठेले वाले
अपने नियत स्थान पर
निगम कर्मी ट्रैफिक कर्मी
हो सच्चे जन सेवक
नागरिक करे उनका
अभिवादन हस हस ।

नेताजी के कार्यक्रम
न हो सड़क पर
न मने भाई साहब का
जन्मदिन सड़क पर
न हो दुल्हेराजा कि बारात
हावी सड़क पर
बे वजह न बजाए कोई हॉर्न
कचरा न फेंके सड़क पर
खाके पॉपकॉर्न
हो जाये बंद दस बजे रात्रि में
बजता जो डीजे ज्यास्ति में
शहर के हर कोने में हो
अनुशासन के दरस
हर कोई बोल पड़े
वाह वाह बरबस ।

सरकारी कार्यालय हो
सुविधा के साथ सहयोग पूर्ण
नागरिको का कार्य हो
चुटकियों में पूर्ण
सुशासन का सपना हो सम्पूर्ण
हर हाथ को काम हो
हर पेट मे अन्न हो
बुझे सभी की प्यास
जन जन की बस यही आस
हर ढीला पुर्जा दो कस
हमे और कुछ नही चाहिए बस