दीपोत्सव

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अंधकार की माटी में
बीज प्रकाश का रखना
आंधी है आ रही
दीपक जलाये रखना ।।

ज्योतिर्मय पथ सभी
हो प्रगति को अग्रसर
छोड़ दो तुम आज ही
राग ,द्वेष और मत्सर
न हो आंख में आँसू
कोशिश यही रखना
आंधी है आ रही
दीपक जलाये रखना ।।

शहर ,या हो जंगल
सभी का हो मंगल
विश्व तेरा कुटुंब है
तुझ पर अवलंब है
न हो अभिमान रौशनी का
कर अवदान रौशनी का
अंतर्मन में दीप जलाये रखना
आंधी है आ रही
दीपक जलाये रखना ।।

जन जन के हो आदित्य
प्रेम करुणा के हो साहित्य
घोर तमस से धरा को
हर हाल बचाये रखना
आंधी है आ रही
दीपक जलाये रखना
दीपक जलाये रखना ।।

आप सभी को मंगल पर्व दीपोत्सव ,,दीवाली ,, की आत्मिक शुभेच्छाएँ ।

धैर्यशील येवले इंदौर म.प्र.