सहकारिता विभाग के दागी अफसरों पर कार्रवाई क्यों रुक गई ?

Shivani Rathore
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इंदौर (Indore News) : इंदौर के सहकारिता विभाग में जब एक इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते हुए सरेआम लोकायुक्त ने पकड़ा उसके बाद से ही सहकारिता विभाग प्रदेश के सहकारिता मंत्री की निगाहों में आ गया था और उसके बाद सहकारिता मंत्री द्वारा कहा गया है कि इंदौर के सभी दागी अधिकारियों तथा कर्मचारियों को यहां से हटाया जाएगा ।

इसी क्रम में 11 अधिकारियों की एक लिस्ट की बनी और उनके तबादला आदेश जारी हो गए इनमें से 3 को इंदौर कलेक्टर द्वारा रोक लिया गया क्योंकि इनके पास विवादित संस्थाओं की जांच पेंडिंग थी लेकिन इसके बाद जो अन्य दागी कर्मचारी तथा अधिकारी बचे हुए हैं उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों रुक गई यह विचारणीय सवाल है ।

उल्लेखनीय है कि सहकारिता मंत्री ने खुद कहा था कि यहां पर सालों से जमे तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों को हटाया जाएगा मंत्री जी की उस घोषणा के अनुसार लोगों को इस बात का इंतजार है कि इन तमाम कर्मचारियों और अधिकारियों को हटाया जाए क्योंकि इन अधिकारियों की सेटिंग गृह निर्माण सहकारी संस्था हड़पने वाले माफिया से थी और यही वजह है कि सहकारिता विभाग लोगों को न्याय दिलाने की बजाय उनके साथ अन्याय करने लगा था।

इंदौर का सहकारिता विभाग इतना अधिक बदनाम हो चुका था की यहां के तमाम अधिकारी सरकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों के इशारों पर नाचने लगे थे जो भी सदस्य यहां पर शिकायत करने जाता तब शाम को ही यह अधिकारी सरकारी संस्था के पदाधिकारियों को खबर दे देते थे और इसके बाद सदस्य के साथ दादागिरी शुरु हो जाती सरकार से तनख्वाह लेने के बाद यह तमाम अधिकारी बागी संस्थाओं के हितों की रक्षा करते थे।