ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर आखिर ऐसे हालात क्यों बन गए ?

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इंदौर : इस समय पूरे इंदौर में ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर हल्ला मचा हुआ है और यह कहा जा रहा है कि अस्पतालों में ऑक्सीजन ही नहीं है और अस्पताल वाले मरीजों से कह रहे हैं कि वे ऑक्सीजन की व्यवस्था करें l ऑक्सीजन की कमी को लेकर मीडिया में बहुत तरह की चर्चा चल रही है लेकिन वास्तविक स्थिति अभी तक सामने नहीं आई है कि आखिर इंदौर के तमाम अस्पतालों को ऑक्सीजन की कितनी आवश्यकता है और उसके मुकाबले सप्लाई कितनी हो रही है?

अगर स्थानीय संसाधनों के अलावा ऑक्सीजन की व्यवस्था अलग से की जानी है तो वह कितनी है और उसकी व्यवस्था कैसे होगी ? कल भी सोशल मीडिया पर इस तरह की चर्चा थी कि जामनगर से ऑक्सीजन की सप्लाई होने वाली है वहां से टैंकर रवाना हो रहे हैं लेकिन इसको लेकर भी बाद में कोई प्रामाणिक जानकारी नहीं आई कि टैंकर इंदौर में कब तक पहुंचेंगे ?

उल्लेखनीय है कि पिछले साल जब इंदौर में कोरोना पिक पर गया था तब इंदौर में यह संख्या सात सौ के आसपास पहुंची थी उस समय भी आक्सीजन को लेकर इतना अधिक पैनिक नहीं हुआ था जो अब हो रहा है । असल में प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग की तरफ से यह स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए कि इंदौर के कुल अस्पतालों में मरीजों की वर्तमान संख्या को देखते हुए ऑक्सीजन की सप्लाई कितनी हो रही है और अगर कमी है तो वह कितनी है और उसके इंतजाम के लिए क्या व्यवस्था की गई है ? क्योंकि ऑक्सीजन एक ऐसा मुद्दा है जिसे नजरअंदाज करना यानी सीधे-सीधे मरीजों को मौत के मुंह में धकेलना है ऐसे में ऑक्सीजन की व्यवस्था एअरलिफ्ट के माध्यम से भी की जा सकती है ताकि दम तोड़ते मरीजों को तुरंत ऑक्सीजन मिल सके ।

जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग को जनता को विश्वास में लेकर जानकारी देना चाहिए की ऑक्सीजन की मौजूदा स्थिति क्या है और उसके वैकल्पिक उपाय कितने किए गए हैं ताकि भर्ती होने वाले मरीजों और उनके रिश्तेदारों मे जो पैनिक चल रहा है वह कम हो सके ।