मुंबई: जहा एक तरफ पूरा देश सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस के लिए आवाज उठा रहा है वही दूसरी तरफ अर्नब गोस्वामी भी सुशांत सिंह के केस में न्याय की मांग कर रहे है। लेकिन अब अर्णव गोस्वामी खुद फसते नज़र आ रहे है, दरअसल उनके कार्यलय के सजावट करने वाले इंजीनियर अन्वय नाइक और उनकी माँ ने अलीबाग के करवीर गाव में सन 5/5/ 2018 में अर्णव गोस्वामी ने उनके बकाया 83 लाख रूपये नही दिए। जिस वजह से अन्वय नाइक और उनकी माँ को आत्महत्या करना पड़ा साथ ही उनके द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट भी मिला। सुसाइड नोट में अर्णव गोस्वामी व फिरोज शेख को ज़िम्मेदार बताया। वही मुर्तक नाइक की पत्नी अक्षता नाइक व विधायक प्रताप सरनाईक ने ग्रहमंत्री को पत्र लिख कर कार्यवाही की मांग की है।
अन्वय नाइक की पत्नी ने कहा कि उन्होंने भी कई बार फोन कर के अन्वय नाइक की हालत बताई लेकिन फिर भी अर्नब गोस्वामी ने उनका बकाया रुपया नही दिया। जिस के चलते अन्वय नाइक काफी परेशान थे, वह अपने परेल के घर से अलीबाग के अपने करवीर गाव के फार्म हाउस में बिना बताए अपनी उम्रदराज माँ के साथ 5 मई 2018 को जाकर आत्महत्या कर ली और एक सुसाइड नोट भी लिखा जिस में आत्महत्या के लिए अर्णव गोस्वामी व फिरोज शैख को जिम्मेदार बताया।
अन्वय नाइक की पत्नी ने कहा कि,” पिछली भाजपा सरकार में यह मामला दबा दिया गया है, वह दो वर्ष से इंसाफ के लिए लढाई लढ़ रही है। सुशांत सिंह राजपूत के लिए आवाज उठाने वाले मेरे पति के लिए भी आवाज उठाये।” साथ ही इस मामले पर शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने भी ग्रहमंत्री अनिल देशमुख को पत्र लिखकर मांग की। उन्होंने लिखा कि ठाने में बिल्डर सूरज परमार ने आत्महत्या की थी। सुसाइड नोट में तब नाम समझ मे नही आ रहे थे। तब भी अपराधियो को जेल में डाला गया था। उसी तरह से मराठी इंजीनियर व उसकी माँ ने आत्महत्या अर्नब गोस्वामी के कारण की है। उन्हें भी इसकी सजा मिलनी चाहिए। सुसाइड नोट और एफ आई आर दर्ज है, लेकिन भाजपा सरकार ने अर्नब गोस्वामी को संरक्षण दिया था। जिस के चलते कार्यवाही नही हो पाई है। इस मामले में दुबारा फाइल खोलते हुए मराठी इंजीनियर व उनकी विधवा पत्नी को इंसाफ मिले।