क्या शॉर्ट फिल्में सचमुच समाज की जरूरत बन रही हैं?

mukti_gupta
Published on:

अर्जुन राठौर। अप्रैल का महीना शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल के लिए प्रसिद्ध हो रहा है रविवार 9 अप्रैल को सूत्रधार द्वारा इंदौर में शार्ट फिल्म फेस्टिवल किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर उज्जैन में बड़े पैमाने पर चित्रपट भारती द्वारा शार्ट फिल्म फेस्टिवल आयोजित किया जाएगा जिसमें एक लाख तक के पुरस्कार दिए जा रहे हैं। इसी तरह इंदौर के प्रेस्टीज कॉलेज में भी तीन दिवसीय फिल्म फेस्टिवल चल रहा है जिसमें अनेक फिल्म दिखाई जा रही है और इसमें बॉलीवुड के कई कलाकार रूबरू होने के लिए भी आए हैं। सवाल इस बात का है कि सैकड़ों की संख्या में बनने वाली शार्ट फिल्में क्या वास्तव में समाज की जरूरत बनती जा रही है? क्या इन्हें देखने वाला एक अलग ही वर्ग हमारे समाज में तैयार हो गया है ?और वे कौन लोग हैं जो अपना पैसा लगाकर शार्ट फिल्में बना रहे हैं और यह उम्मीद करते हैं कि उनकी फिल्मों को ज्यादा से ज्यादा दर्शक मिल जाएंगे ।

कुछ समय पहले तक यूट्यूब ही एकमात्र प्रदर्शन का सेंटर माना जाता था लेकिन अब हॉटस्टार सहित अनेक ओटीटी चैनल्स इन फिल्मों को न केवल खरीद रहे हैं बल्कि बड़े पैमाने पर उनका प्रदर्शन भी कर रहे हैं इंदौर में ही बनी कई फिल्में विदेशों में आयोजित शार्ट फिल्म महोत्सव में पुरस्कृत की जा चुकी है इस लिहाज से देखा जाए तो इन शार्ट फिल्मों के माध्यम से स्थानीय कलाकारों को न केवल मंच मिलता है बल्कि उन्हें अपना हुनर दिखाने का मौका भी मिल जाता है, हालांकि शॉर्ट फिल्म बनाने की अपनी एक अलग इकोनामी है कई प्रयोग धर्मी निर्माता तो मोबाइल से भी आजकल शॉर्ट फिल्मों को शूट कर रहे हैं और उनकी फिल्में सराही भी जा रही है । यूट्यूब पर ही देखा जाए तो अनेक शार्ट फिल्में ऐसी हैं जिनको लाखों की संख्या में दर्शक मिल गए हैं इन फिल्मों के निर्माताओं को यूट्यूब की तरफ से अच्छा खासा पेमेंट भी मिल जाता है ।

इंदौर के सूत्रधार द्वारा इंदौर तथा आसपास के इलाकों में बनाई गई फिल्मों को एक मंच देने के लिए प्रतिवर्ष फिल्म उत्सव आयोजित किया जाता है जिसमें प्रथम द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार दिए जाते हैं इन फिल्मों को देखने के लिए फिल्म निर्माताओं के साथ-साथ ऐसे लोग भी पहुंचते हैं जिनकी शॉर्ट फिल्मों में रुचि है। अब सवाल इसी बात का है कि क्या वास्तव में शार्ट फिल्में समाज में बदलाव लाने का काम कर रही है तो इसका उत्तर यह है कि कई प्रयोग धर्मी निर्माताओं ने समाज के अछूते विषयों पर लघु फिल्में बनाई है और उन्हें बेहद सराहा भी गया। इंदौर के कई निर्माताओं की फिल्मों को हॉटस्टार द्वारा खरीदा गया है उनका कहना है कि हॉटस्टार ने उन्हें इसके बदले संतोषजनक भुगतान करने का वादा भी किया है।

Also Read : भारत में लांच हुआ 7GB रैम वाला ये धांसू स्मार्टफोन, 10 हजार रुपये से कम है कीमत

टेक्नोलॉजी के बदलाव ने शार्ट फिल्मों का निर्माण बेहद आसान कर दिया है अब न केवल मोबाइल से फिल्में शूट की जा सकती है बल्कि उनकी एडिटिंग भी मोबाइल पर ही संभव हो गई है और उनमें म्यूजिक भी मोबाइल के माध्यम से दिया जा सकता है इस तरह से शार्ट फिल्मों के क्षेत्र में आने वाले दिनों में भी एक क्रांति देखने को मिलेगी और ऐसा लगता है कि कुछ ही समय में शार्ट फिल्मों के भी चैनल सामने आ जाएंगे वर्तमान में tata.sky द्वारा भी शॉर्ट फिल्मों का प्रदर्शन किया जाता है हालांकि हॉटस्टार अन्य सेटेलाइट चैनल जिस तरह की फिल्मों का प्रसारण करते हैं वे बेहद हाई क्वालिटी के कैमरों से बनाई जा रही है और उनमें बॉलीवुड के कलाकार अभिनय कर रहे हैं मनोज बाजपेई द्वारा बनाई गई कई फिल्में भी चर्चा का विषय बनी है ।

सबसे बड़ी बात यह है कि आज की युवा पीढ़ी शार्ट फिल्मों के माध्यम से अपने हुनर को सामने ला रही है और कई बार तो ऐसा हुआ है कि सोशल मीडिया पर जिन लोगों ने अपने वीडियो डाले उन्हें बॉलीवुड से भी ऑफर मिल गया और वह देखते ही देखते बॉलीवुड के स्टार बन गए ।