इंदौर। कोरोना के चलते सभी अस्पतालों में खास सुरक्षा और साफ़ सफाई के इंतजाम होने चाहिये। वही भवरकुआं स्थित एप्पल हॉस्पिटल में कल पुलिस प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापामारा। दरअसल अस्पताल के एक मरीज द्वारा की गई शिकायत पर कलेक्टर द्वारा ये कार्यवाही करवाई गई। जिसके चलते पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने जब्त बिलों और प्राप्त रिकार्ड के आधार पर जूनी इंदौर एसडीएम और डॉ अमित मालाकार ने जांच प्रतिवेदन तैयार किया। जिसमे मुख्य रूप से इस प्रकार अनियमितताएं मिली है:-
* कोरोना मरीज को 22 दिनों तक भर्ती किया गया और लगभग 6 लाख का बिल दिया।
* अस्पताल में बने इतने महंगे बिल के बाद लगभग 1 लाख की दवाइयां अलग से मंगवाई।
* अस्पताल में पीपीई किट, आइसोलेशन चार्ज और यूनिवर्सल प्रोटेक्शन के नाम पर हर रोज करीब 9000 के हिसाब से पैसे भरवाए गए। .
* आईसीएमआर के निर्देश और डब्लूएचओ की गाइडलाइन के खिलाफ जाते हुए अस्पताल में एसिंप्टोमेटिक मरीज होने के बावजूद चार बार आरटी पीसीआर कोविड टेस्ट निजी लैब से करवाया गया। इतना ही नहीं जो निजी लैब में टेस्टिंग चार्ज लगता है, उसे भी बढ़ा चढ़ाकर वसूला गया। जबकि ये टेस्ट करवाने की कोई आवश्यकता नहीं थी, लेकिन ये टेस्ट बार-बार करवाया गया।
* इतना ही नहीं बल्कि अस्पताल में तीन से चार डॉक्टरों को हर रोज विजिट करवाया गया और हर डॉक्टर की 3 हजार रुपये फीस चार्ज भी वसूला गया।
वही स्वास्थ्य विभाग और पुलिस के छापे के दौरान अस्पताल से बिल और रिकॉर्ड प्राप्त हुए थे, उनकी जांच में भी कई तरह के घोटाले नजर आये। सम्भावना है कि अस्पताल का लाइसेंस भी निरस्त हो सकता है। हर मरीज के लिए शुल्क राशि में भी अंतर मिला। हालांकि प्रशासन अब जांच प्रतिवेदन के आधार पर अस्पताल प्रबंधक को नोटिस देगा। इसके साथ ही इस मामले में प्रशासन सख्त से सख्त कार्यवाही करेगी। तीन डॉक्टरों को भी भेजा कारण बताओ नोटिस। वही इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने पहले ही स्पष्ट कर चुके है कि निजी अस्पतालों में कोविड-19 के नाम पर इस तरह की लूटपट्टी नहीं करने दी जाएगी।