मछुआरों की आर्थिक सहायता और छात्रवृत्ति की राशि में वृद्धि की घोषणा

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इंदौर 07 सितम्बर, 2021
मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने भोपाल में महासंघ की 25वीं वार्षिक साधारण सभा की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य अंतिम छोर पर स्थित व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है, इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी। मछुआ समाज लगातार मत्स्य पालन और आखेट का कार्य करते हुए जीवन यापन कर रहा है इनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए ही मत्स्य महासंघ का स्थापना की गई थी। लड़कियों की विवाह के लिए मीनाक्षी कन्या विवाह योजना, जाल – नाव योजना और अन्य आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए भी मत्स्य महासंघ योजना संचालित कर रहा है।

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मंत्री सिलावट ने कहा कि सहकारिता के उद्देश्य पर आधारित यह मत्स्य महासंघ सबका विकास, सबका साथ, और सबके विश्वास की अवधारणा पर काम कर रहा है। मंत्री सिलावट ने मछुआ महासंघ की महासभा में घोषणा की कि मछुआ कल्याण के लिए सरकार सभी संभव प्रयास करने के लिए तत्पर है । गंभीर बीमारी के लिए आर्थिक सहायता राशि को बढ़ाकर 40 हजार से 50 हजार कर दिया गया है इसी के साथ तकनीकी शिक्षा छात्रवृत्ति योजना में राशि को 20 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपए कर दिया गया है। मछुआ सोसाइटी के सदस्यों में किसी की मृत्यु होने पर आर्थिक सहायता राशि बढ़ाकर 10 हजार कर दी गई है।

मछुआरों की आर्थिक सहायता और छात्रवृत्ति की राशि में वृद्धि की घोषणा
मछुआरों की आर्थिक सहायता और छात्रवृत्ति की राशि में वृद्धि की घोषणा

समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि मेजर कॉर्प और अन्य प्रजाति की मछली पकड़ने पर 32 रूपए किलो के स्थान पर अब 34 रुपए किलो मजदूरी और अन्य छोटी मछलियों को पकड़ने पर 19 रूपए प्रति किलो के स्थान पर 20 रूपए प्रति किलो मत्स्याखेट की दर निर्धारित कर दी है। इसके साथ ही मछुआ समिति की मांग पर सभी मछुआरों को लाइफ जैकेट उपलब्ध कराने के संबंध में निर्देश दिए है।

मंत्री श्री सिलावट ने संचालक मत्स्य विकास और मत्स्य महासंघ के प्रबंधक प्रबंध संचालक को निर्देश दिए कि सभी मछुआरों के क्रेडिट कार्ड दिसंबर तक बन जाने चाहिए, जिससे बैंको से जीरो ऋण पर राशि उपलब्ध हो। महा सभा की बैठक में मंत्री ने सभी मछुआ सोसायटी के अध्यक्षों को माला पहनाकर और बुके देकर सम्मानित किया और सोसायटियों में महिला सदस्यों को अधिक से अधिक सम्मलित किया जाए। संभाग स्तर पर भी क्षेत्रीय बैठकों का आयोजन करने के निर्देश दिए है। महासभा की बैठक में प्रदेश के अलग अलग जिलों से आए मछुआ समिति के सदस्य सम्मलित हुए।

साधारण सभा में मत्स्य महासंघ के प्रबंध संचालक श्री पुरुषोत्तम धीमान ने कार्योजना के संबंध में जानकारी दी और बजट अनुमोदन के लिए रखा जिसमें 56 करोड़ की आय और 36 करोड़ के व्यय की जानकारी के साथ विस्तृत ब्यौरा भी प्रस्तुत किया गया। जिसको सर्वसम्मति से पास किया गया। बैठक में जानकारी दी गई कि 27 जिलों के जलाशय में मछुआ समिति क्रियाशील हैं । इस वर्ष 445 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 20 करोड़ की राशि मछुआरों को प्रदान की गई है। इस वर्ष 2 जालाशयों में 28 टन झींगा भी पैदा किया गया हैं । मत्स्य महासंघ में 216 और विभाग में 2 हजार मछुआ समिति कार्यरत है।