अनंत चतुर्दशी: ऐसे करें गणपति बप्पा का विसर्जन, ये है खास उपाय

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चतुर्थी तिथि से चतुर्दशी तिथि तक मनाई जाने वाली गणेश चतुर्थी का त्यौहार का आज आखिरी दिन है। जैसा की आप सभी जानते है गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित कर आनंद चतुर्दशी के दिन उनका विसर्जन किया जाता है। आज आनंद चतुर्दशी का ही दिन है। इस दिन बप्पा की विधि विधान से पूजा करके उनका विसर्जन किया जाता है। इस दिन को नौ दिन गणेश रात्रि के नाम से भी जाना जाता है।

वहीं विसर्जन करते वक्त सभी भक्त ऐसी कामनाएं करते है कि बप्पा अगले बरस जल्दी आए। ऐसी मान्यता है कि प्रतिमा का विसर्जन करने से भगवान फिर से कैलाश पर्वत पहुंच जाते हैं। इस दिन भक्त अनंत शुभ फल प्राप्त कर सकते है। आज हम आपको बताने जा रहे है किस तरह बप्पा का विसर्जन करना चाहिए और किन किन उपायों से आप मुश्किल से मुश्किल समस्याओं से छुटकारा पा सकते है तो चलिए जानते है।

ऐसे करें बप्पा का विसर्जन –

आपको बता दे, इस दिन आपको उपवास रखना जरूरी है या केवल फलाहार करें। साथ ही घर में स्थापित प्रतिमा का विधिवत पूजन करें। उसके बाद पूजन में नारियल, शमी पत्र और दूब जरूर अर्पित करें। फिर प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाएं। बता दे, अगर प्रतिमा छोटी हो तो गोद या सिर पर रख कर ले जाएं। ध्यान रखे प्रतिमा ले जाते समय भगवान गणेश को समर्पित अक्षत घर में अवश्य बिखेर दें।

जब आप बप्पा का विसर्जन करने का विसर्जन करने जा रहे है तो ध्यान रखे इस दौरान आपने चमड़े का बेल्ट, घड़ी या पर्स न पहना हो। वहीं नंगे पैर ही मूर्ती का वहन और विसर्जन करें। जानकारी के लिए बता दे, प्लास्टिक की मूर्ती या चित्र ना तो स्थापित करें और ना ही विसर्जन करें। सिर्फ और सिर्फ मिटटी की प्रतिमा सर्वश्रेष्ठ है। जब आप विसर्जन कर लें तो उसके बाद हाथ जोड़कर श्री गणेश से कल्याण और मंगल की कामना करें।

जीवन की समस्याओं से मुक्ति के उपाय –

बता दे, एक भोजपत्र या फिर पीला कागज लें। फिर अष्टगंध कि स्याही या नई लाल स्याही की कलम लें। उसके बाद भोजपत्र या पीले कागज पर सबसे ऊपर स्वस्तिक बनाएं। फिर इसके बाद स्वस्तिक के नीचे ॐ गं गणपतये नमः लिखें। इस क्रम से एक एक करके अपनी सारी समस्याएं लिख लें।

बता दे, लिखावट में काट पीट न करें और कागज के पीछे कुछ न लिखें। समस्याओं के अंत में अपना नाम लिखें फिर गणेश मंत्र लिखें। उसके बाद सबसे आखिर में स्वस्तिक बनाएं। फिर कागज को मोड़कर रक्षा सूत्र से बांध लें। इसे गणेश जी को समर्पित करें। इसको भी गणेश जी की प्रतिमा के साथ ही विसर्जित करें। समस्त समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।