Anant Chaturdashi 2023 Special: धागे की बुंद में छुपा अनंत सौभाग्य का राज, जानें गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त

RitikRajput
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Anant Chaturdashi 2023: अनंत चतुर्दशी, हिन्दू पंचांग में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर साल शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति में भक्ति, परमात्मा के प्रति श्रद्धा और आपसी समरसता की भावना को दर्शाता है। इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा की जाती है और विशेष रूप से अनंत सय्या व्रत का पालन किया जाता है।

अनंत व्रत, इस दिन विशेष रूप से महिलाएं करती हैं, जिनमें वे अनंत मूढ़ से एक अद्वितीय धागा बांधती हैं जिसको “अनंत” कहा जाता है। इसका मतलब है कि यह धागा अनंत जीवन की प्रतीक होता है और लक्ष्मी और विष्णु की आशीर्वाद को प्राप्त करने का प्रतीक होता है। अनंत चतुर्दशी के दिन में श्री गणेश विसर्जन भी किया जाता है इसलिए इस पर्व का महत्व और भी बढ़ जाता है। भारत के कई राज्यों में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।

अनंत चतुर्दशी तिथि

भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि आरम्भ: 28 सितम्बर, 2023 प्रातः 06:12 से
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि समाप्त:28 सितम्बर, 2023 सायं 18:51 तक
कुल अवधि: 12 घंटे 39 मिनट

अनंत चतुर्दशी 2023 पर गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 11 मिनट से लेकर 07 बजकर 40 मिनट तक रहेगा,वहीं शाम के समय का गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त 04 बजकर 41 मिनट से रात 09 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।

शुभ समय चौघड़िया

शुभ – शुभ- 06:12 से 07:42 तक
चर – अच्छा- 10:42 से 12:11 तक
लाभ – शुभ- 12:11 से 13:30 तक
शुभ – शुभ- 16:41 से 18:11 तक

राहु काल (अशुभ समय): दोपहर 01:30 से 03:20 तक

यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न नामों पर मनाया जाता है, जैसे कि गाजा, अनंत चौथ, अनंतपद्म, और रेखा चौथ, लेकिन इसका महत्व और महत्व समान रूप से होता है।

अनंत चतुर्दशी का महत्व इसमें है कि यह लोगों को धार्मिकता और आपसी समरसता की महत्वपूर्ण भावना को याद दिलाता है और उन्हें जीवन के अनंत सुखों की कमना करता है। इसके अलावा, यह एक परिवार के बीच सजीव संबंधों को मजबूती से बांधने का अवसर प्रदान करता है।

इस अद्वितीय त्योहार के माध्यम से, हम अपने जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की कामना करते हैं और भगवान विष्णु और लक्ष्मी से उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।