नई दिल्ली। अफगानिस्तान की सत्ता की गद्दी पर तालिबान बैठ चुका है। वहीं राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने समर्थकों के साथ देश छोड़कर भाग चुके हैं। जिसके बाद अब आधिकारिक तौर पर भले ही अफगानिस्तान में कोई सरकार न हो लेकिन अफगानिस्तान के पहले और पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने दावा किया है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी की गैरमौजूदगी में वे देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं।
अमरुल्ला सालेह ने इस ऐलान के पीछे संवैधानिक कारण भी दिया है। उन्होंने कहा है कि अफगानिस्तान के संविधान के मुताबिक अगर राष्ट्रपित की अनुपस्थिति, पलायन या इस्तीफे की वजह से देश में राष्ट्रपति नहीं हैं तो पूर्व उपराष्ट्रपति, कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाता है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘अफगानिस्तान के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, इस्तीफे, मृत्यु, या पलायन की दिशा में पूर्व उपराष्ट्रपति, कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाता है। मैं फिलहाल अपने देश के अंदर हूं और वैध कार्यवाहक राष्ट्रपति हूं। मैं सभी नेताओं से समर्थन और आम सहमति लेने की कोशिशों में जुटा हूं।’
Clarity: As per d constitution of Afg, in absence, escape, resignation or death of the President the FVP becomes the caretaker President. I am currently inside my country & am the legitimate care taker President. Am reaching out to all leaders to secure their support & consensus.
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) August 17, 2021
रविवार को अमरुल्ला सालेह ने कहा था कि वह किसी भी हाल में तालिबान के सामने नहीं झुकेंगे। उनके बयानों को भी तलिबान के लिए चुनौती समझा रहा है. एक ट्वीट के जरिए उन्होंने कहा था कि वे तालिबान के सामने किसी भी कीमत पर झुकेंगे नहीं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं कभी भी और किसी भी परिस्थिति में तालिबानी आतंकियों के सामने नहीं झुकुंगा। मैं अपने नायक अहमद शाह मसूद, की विरासत के साथ विश्वासघात नहीं करूंगा। मैं, मेरी बात सुनने वाले लाखों लोगों को निराश नहीं करूंगा। मैं तालिबान के साथ कभी भी एक छत के नीचे नहीं रहूंगा।’