अमेरिका ने चीन के पड़ोस में तैनात किया ‘B-52’ परमाणु बॉम्बर, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मंडराया युद्ध का खतरा

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अमेरिका द्वारा प्रशांत महासागर में परमाणु बॉम्बर को तैनान करने से चाइना बौखला गया है। इसकी जानकारी देते हुए यूएस एयरफोर्स ने बयान जारी करते हुए कहा कि रणनीतिक निरोध का समर्थन करने के लिए बी-52 विमानों की तैनाती की गई है। जानकारी के अनुसार इस तैनाती के पीछे चीन को अपनी ताकत का अहसास कराना है। हाल के दिनों में देखा गया है कि चीनी विमान बड़ी संख्या में ताइवानी हवाई सीमा का उल्लंघन कर रहे हैं।

बता दें इससे पहले से परमाणु बॉम्बर अमेरिका के नॉर्थ डकोटा में तैनात थे। अमेरिका का बी-52 एक अमेरिकी लंबी दूरी का, सबसोनिक, जेट-संचालित रणनीतिक बमवर्षक है। बी-52 को बोइंग अे डिजाइन और निर्मित किया है। यह अमेरिकी वायु सेना के बेड़े में शामिल सबसे पुराने विमानों में से एक है।

वहीं बॉबर की तैनाती को लेकर यूएस एयरफोर्स ने बयान दिया और कहा कि ष् बी-52 संचालन और सहायता कर्मियों को 23वें अभियान बम स्क्वाड्रन से जोड़ा गया है और यह क्षेत्र में अमेरिकी सहयोगियों और भागीदारों की सेनाओं के साथ काम करेगा। विमान जनवरी के अंत में बॉम्बर टास्क फोर्स के हिस्से के रूप में गुआम के एंडर्सन एयर फोर्स बेस पर उतरे। इनका उद्देश्य रणनीतिक निरोध मिशनों का समर्थन करना है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को लागू करवाना है।

गौरतलब है कि आये दिन चीन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में मनमानी करता है । इतना ही समुद्री सीमा का उल्लघन करता रहता है। इससे पहले भी अमेरिका ने पिछले कुछ महीनों में इंडो-पैसिफिक में बड़ी मात्रा में युद्धपोतों और पनडुब्बियों को भी तैनात किया है। इसके अलावा वह अपने सहयोगी देशों के साथ युद्धाभ्यास भी कर रहा है। हाल में ही अमेरिकी वायु सेना ने जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर गुआम में ही हवाई अभ्यास किया है।